अब तो सबक ले लो… आपदा आई तो कौन होगा जिम्मेदार

सीधे तौर पर कहें तो आपदा से सबक न लेकर ऐसे लापरवाह लोग सरकार और प्रशासन की चेतावनियों को भी चुनौती दे रहे हैं। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील प्रदेश में कई लोग अब भी नदी नालों और खड्डों के आसपास घर बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं...

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नाहन : प्रदेश के जिला मंडी त्रासदी के जख्म अभी भरे नहीं है। कई लोग इस प्राकृतिक आपदा में अपनी जान गंवा चुके हैं। कई घर से बेघर हो गए हैं। जिस तरह से प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, इसको लेकर सरकार भी चिंतित है।

प्रदेश में ये पहली आपदा नहीं है। इससे पहले जिला सिरमौर के सिरमौरी ताल भी ऐसी आपदा झेल चुका है। नाहन तहसील का बर्मा पापड़ी इलाका भी इससे अछूता नहीं रहा है। प्रदेश के कई इलाकों में 2023 में आई आपदा के जख्म भी लोग अभी भूल नहीं पा रहे हैं।

इसके बावजूद लोग अब भी सबक नहीं ले रहे हैं। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील प्रदेश में कई लोग अब भी नदी नालों और खड्डों के आसपास घर बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अपने आशियाने बनाने के लिए लोग बरसाती नाले और खड्ड तक नहीं छोड़ रहे।

जिला मुख्यालय नाहन की बात करें तो नाहन-कौलांवालाभूड़ सड़क पर जड़जा के समीप खड्ड के किनारे नए आशियाने बनाने का कार्य जारी है। बड़ी बात ये है कि कुछ लोगों ने नदी और खड्ड किनारे की जमीन बेचने के लिए प्लॉट फॉर सेल के बोर्ड भी लगाए हैं।

सीधे तौर पर कहें तो आपदा से सबक न लेकर ऐसे लापरवाह लोग सरकार और प्रशासन की चेतावनियों को भी चुनौती दे रहे हैं। इस खड्ड के दोनों किनारों पर जहां कई घर बन चुके हैं, वहीं खड्ड के दूसरी ओर बड़ी मात्रा में प्लॉटिंग भी की गई है। हैरानी इस बात की है कि एक घर यहां इस बरसाती खड्ड के मुहाने पर ही बना दिया गया है।

ऐसे में जहां प्रशासन पर उंगलियां उठ रही हैं तो वहीं बेचे जाने वाले प्लॉट और यहां बनाए गए घर किन नियमों के तहत पास किया गया, यह भी बड़ा सवाल है। यदि भविष्य में कभी आपदा में इन मकानों को नुकसान होगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। फिर सरकार और प्रशासन को कोसने का काम होगा।

बात इसी खड्ड की नहीं है। इसके अलावा दूसरी खड्ड के किनारे भी लोग बसे हैं। पांवटा साहिब-कालाअंब नेशनल हाईवे पर सलानी पुल के समीप नदी के साथ भी कुछ लोग झोंपड़ियों में रह रहे हैं। पिछले साल प्रशासन ने इन्हें यहां से हटा दिया था। इस साल फिर से कुछ लोग तंबू बनाकर रह रहे हैं, जो कभी भी अपनी जान जोखिम में डाल सकते हैं।

बता दें कि जिला सिरमौर में ऐसे खड्ड हैं, जो भले ही अन्य दिनों में सूख रहते हों, लेकिन बरसात के दौरान ये अचानक ही उफान पर आ जाते हैं। त्रिलोकपुर के समीप ऐसी ही खड्ड पहले भारी नुकसान बरपा चुकी है। वहीं, अन्य इलाके भी ये दंश झेल चुके हैं।

जिला मुख्यालय के ऊपरी क्षेत्रों में बारिश के दौरान पानी इन खड्डों में बहकर विकराल रूप धारण करता है। लिहाजा, लोगों को ऐसे खड्डों के किनारे आशियाने बनाने से पहले सोच विचार करने की जरूरत है। कहीं, आने वाले दिनों या भविष्य में आपदा के जख्म न झेलने पड़ें।

उधर, डीसी प्रियंका वर्मा ने बताया कि आपदा से लोगों को सबक लेना चाहिए। नदी या खड्ड किनारे नियमों की अनदेखी कर मकान बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में इस तरह के मामलों की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

वहीं, एसडीएम नाहन राजीव संख्यान ने कहा कि मामला संज्ञान में आ चुका है। नायब तहसीलदार को मौके का मुआयना कर नोटिस जारी करने के निर्देश दे दिए हैं।