शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि भारी वर्षा से मंडी जिले के सराज और धर्मपुर क्षेत्र में लोगों के घरों एवं भूमि को व्यापक नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, अगर वे किराये के मकान में रहना चाहते हैं तो उन्हें राज्य सरकार 5,000 रुपये प्रति माह मकान किराया देगी। संबंधित एसडीएम को प्रभावितों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
शिमला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार व अन्य विधायकों के साथ चर्चा कर ये महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है और केंद्रीय टीम भी नुकसान का आकलन करने हिमाचल प्रदेश आ रही है। उन्होंने कहा कि इस मॉनसून सीजन में ही अभी तक मंडी जिले में ही 14 बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, जो चिंता का विषय है। बादल फटने की इतनी घटनाएं क्यों हो रही हैं, इसका अध्ययन करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बरसात व बादल फटने की घटनाओं से अब तक 700 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस आपदा में सड़कों, बिजली अधोसंरचना और पेयजल आपूर्ति योजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के सभी सहयोगी अपने-अपने विभागों की समीक्षा बैठक लेकर नुकसान का आकलन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वानिकी एवं बागवानी कॉलेज, थुनाग में फंसे 92 छात्रों और अध्यापकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। थुनाग के कई गांवों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंच गई हैं, जो राहत एवं पुनर्वास कार्यों में जुटीं हैं।
एनएचएआई द्वारा प्रदेश में चलाई जा रही परियोजनाओं के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बड़ी-बड़ी कंपनियों को उनकी मशीनरी देखकर ठेके दे दिए जाते हैं और उन्हें हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों की जानकारी नहीं होती। वे सुविधानुसार पहाड़ों की कटिंग कर देती हैं जिससे नुकसान होता है। उन्होंने एनएचएआई को सलाह दी कि ऐसे ठेके स्थानीय ठेकेदारों को दिए जाएं।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित मंडी जिला में राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और राज्य सरकार प्रभावितों की पूरी मदद कर रही है। सभी विभागों के उच्च अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और सरकारी मशीनरी मंडी जिला में आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए तैनात किए गए हैं।