छात्र हितों की रक्षा के लिए एबीवीपी 6 फरवरी से करेगी आंदोलन : मनीष बिरसांटा

एबीवीपी ने साफ किया कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं करती. यदि छात्रों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद विधानसभा घेराव जैसे उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी.

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विद्यार्थी परिषद का यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं करती. यदि छात्रों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद विधानसभा घेराव जैसे उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी.

नाहन|
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) 6 फरवरी से प्रदेशभर में इकाई स्तर पर आंदोलन की शुरुआत करेगी. संगठन ने साफ किया कि यह आंदोलन छात्रों के अधिकारों और शिक्षा प्रणाली में सुधार की मांगों को लेकर होंगे.

नाहन में पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश सह मंत्री मनीष बिरसांटा ने कहा कि संगठन ने प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल करने, शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक भर्तियों में पारदर्शिता लाने, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायत्तता बनाए रखने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रभावी तरीके से लागू करने, अतिथि शिक्षक भर्ती नीति को वापस लेने, विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति नियुक्त करने और शिक्षण संस्थानों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने जैसी प्रमुख मांगों को सरकार के समक्ष रखा है. इसके अलावा शोधार्थियों को शोधवृत्ति देने, प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और शिक्षण संस्थानों में आधुनिक पाठ्यक्रम लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है.

बिरसांटा ने कहा कि सरकार की निष्क्रियता और शिक्षा व्यवस्था की अनदेखी के चलते छात्रों को लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को बार-बार बंद किया जा रहा है, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक स्तर पर अनियमितताएं बढ़ रही हैं और सरकार इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को छात्र संगठन की मांगों को गंभीरता से लेना होगा, अन्यथा विद्यार्थी परिषद अपने आंदोलन को और अधिक उग्र करने के लिए मजबूर होगी.

उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश कार्यकारिणी बैठक 24-25 जनवरी को नालागढ़ में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश संगठन मंत्री, क्षेत्रीय संगठन मंत्री, राष्ट्रीय मंत्री सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में प्रदेश के शैक्षणिक और छात्र हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई. इस दौरान आगामी आंदोलनों की रूपरेखा भी तय की गई थी.