खांसी और श्वास रोगों जैसी बड़ी समस्या के लिए आरामदायक है यह पौधा, स्वास्थ्य का अद्भुत खजाना, बीमारी का ‘रामबाण’ इलाज!

एक रिपोर्ट के अनुसार, काशमर्दा की जड़ें भी हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। इनका इस्तेमाल पुरानी खांसी, हल्का बुखार और गले के संक्रमण को दूर करने के लिए किया जाता है। यह हमारी इम्यूनिटी पावर को भी मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है।

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प्रकृति ने हमें अनमोल औषधियों का भंडार दिया है, जिनमें से एक है साधारण-सा दिखने वाला, पर गुणों से भरपूर कासमर्द (Kasamard) का पौधा

आयुर्वेद में इसे मेडिकल हेल्थ के लिए अत्यंत आरामदायक और असरदार माना गया है। यह पौधा विशेष रूप से खांसी, जकड़न और श्वास संबंधी परेशानियों को दूर करने में किसी चमत्कार से कम नहीं है।

कहां मिलता है यह चमत्कारी पौधा?
कासमर्द आमतौर पर झाड़ी के रूप में पाया जाता है और बड़ी आसानी से सड़क किनारे, खेतों की मेड़ों और खुले स्थानों पर उग जाता है। इस पूरे पौधे को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इसकी पत्तियां, फूल और जड़ें, सभी कई गंभीर बीमारियों से निपटने में सहायक हैं।

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श्वसन तंत्र के लिए वरदान
बदलते मौसम में होने वाली खांसी और कफ के लिए काशमर्दा को रामबाण इलाज माना जाता है। यह शरीर की श्वसन नलियों को साफ करने में मदद करता है और श्वसन तंत्र की सूजन को भी कम करने में सहायता करता है।

भले ही इस पौधे के पत्ते काफी कड़वे होते हैं, लेकिन इनका सेवन करने से मुश्किल से मुश्किल खांसी और कफ दूर हो जाता है।

इम्यूनिटी बूस्टर और गले का रक्षक
एक रिपोर्ट के अनुसार, काशमर्दा की जड़ें भी हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। इनका इस्तेमाल पुरानी खांसी, हल्का बुखार और गले के संक्रमण को दूर करने के लिए किया जाता है। यह हमारी इम्यूनिटी पावर को भी मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है।

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आयुर्वेद के अनुसार, कासमर्द का रस गले को साफ रखने और सर्दी-खांसी के समय होने वाली जलन को शांत करने में मदद करता है। जिन लोगों को गले में बार-बार खराश होती है, उनके लिए यह पौधा सबसे अच्छा और प्राकृतिक इलाज है।

आयुर्वेद की दुनिया में इस पौधे को मेडिकल हेल्थ के लिए काफी ज्यादा आरामदायक और असरदार माना जाता है। इसकी मदद से आज की तारीख में बहुत सारी दवाइयों का निर्माण भी किया जाता है।

सेवन का सरल तरीका
इसका नियमित सेवन सांस लेने में आसानी पैदा करता है और फेफड़ों का शुद्धिकरण भी अच्छे से हो जाता है। पुरानी खांसी को जड़ से खत्म करने के लिए, काशमर्दा के ताजे पत्तों का काढ़ा सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।

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लगभग 10 से 12 पत्तों को लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। जब पानी उबल कर आधा रह जाए, तो इसे छानकर गुनगुना पी लें। दिन में एक से दो बार इसका सेवन करने से सर्दी-जुकाम और खांसी जैसी समस्याओं से तुरंत आराम मिलता है।

यह हमारे शरीर की इम्युनिटी पावर को भी मजबूत करने में एक अहम भूमिका निभाता है। अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक की राय अवश्य लें।