IGMC मारपीट मामला: सीनियर रेजिडेंट डॉ. राघव निरुला की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त

इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसने मामले की गंभीरता को बढ़ा दिया। घटना के तुरंत बाद डॉक्टर को रेजिडेंट डॉक्टर पॉलिसी-2025 के तहत निलंबित किया गया था, लेकिन अब जांच पूरी होने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया है।

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शिमला : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (IGMC) शिमला में मरीज और डॉक्टर के बीच हुई मारपीट के मामले में हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा प्रशासनिक फैसला लिया है। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में तैनात सीनियर रेजिडेंट डॉ. राघव निरुला की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय द्वारा बुधवार देर रात आदेश जारी कर दिए गए।

यह पूरी कार्रवाई उस घटना के बाद अमल में लाई गई है जो 22 दिसंबर 2025 को अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में घटित हुई थी। आरोप है कि ड्यूटी पर तैनात डॉ. राघव निरुला और 36 वर्षीय मरीज अर्जुन के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई, जो देखते ही देखते हाथापाई में बदल गई। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसने मामले की गंभीरता को बढ़ा दिया। घटना के तुरंत बाद डॉक्टर को रेजिडेंट डॉक्टर पॉलिसी-2025 के तहत निलंबित किया गया था, लेकिन अब जांच पूरी होने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया है।

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सरकार द्वारा गठित विशेष जांच समिति ने 72 घंटे के भीतर अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट शासन को सौंपी। रिपोर्ट के निष्कर्षों में बताया गया है कि इस हिंसक झड़प के लिए डॉक्टर और मरीज दोनों ही पक्ष जिम्मेदार थे। हालांकि, समिति ने स्पष्ट किया कि एक डॉक्टर का ऐसा आचरण ‘कदाचार और दुर्व्यवहार’ की श्रेणी में आता है, जो एक लोक सेवक के लिए पूरी तरह अनुचित है। यह व्यवहार रेजिडेंट डॉक्टर पॉलिसी-2025 के नियमों का सीधा उल्लंघन पाया गया, जिसके चलते सक्षम प्राधिकारी ने उनकी सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया।

जांच में ये भी सामने आया है कि मरीज के परिजनों ने संबंधित डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है। यह मामला पुलिस जांच के अधीन भी है। फिलहाल, जांच रिपोर्ट के बाद विभागीय आदेश की प्रतियां स्वास्थ्य सचिव, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं और आईजीएमसी प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेज दी गई हैं। इस कड़ी कार्रवाई ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अनुशासन और डॉक्टर-मरीज के बीच बढ़ते तनाव को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।

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