
नाहन : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को कालाअंब में खंड एकत्रीकरण और पथ संचलन का आयोजन किया। कार्यक्रम में अनुशासन और सामाजिक समरसता पर जोर दिया गया।
मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त सूबेदार ज्ञान बहादुर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संघ ने अपने स्वयंसेवकों के अंदर राष्ट्रभक्ति का भाव कूट-कूटकर भरा है।
उन्होंने 1947 के कश्मीर आक्रमण और 1962 के भारत-चीन युद्ध में स्वयंसेवकों के सहयोग को याद किया। उन्होंने समाज से संघ के सेवा कार्यों में सहयोग करने की अपील भी की।
मुख्य वक्ता सोलन विभाग प्रचारक अनिल ने कहा कि संघ की स्थापना 1925 में डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने हिंदू समाज को संगठित करने के उद्देश्य से की थी।
उन्होंने कहा कि संस्कार ही राष्ट्र को महान बनाते हैं और संघ की शाखाएं इन्हीं संस्कारों का केंद्र हैं। उन्होंने वर्तमान में पश्चिमी सभ्यता की कुरीतियों से निपटने के लिए संघ के शताब्दी वर्ष के लक्ष्य “पंच परिवर्तन” परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य, सामाजिक समरसता और स्वदेशी को अपनाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर प्रमुख समाज सेवक रोहित शर्मा ने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों का यह अनुशासन राष्ट्र निर्माण की नींव है। युवा पीढ़ी को सामाजिक समरसता के लिए इस संगठन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ शस्त्र पूजन और ध्वजारोहण से हुआ, जिसमें 211 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। बाद में मुख्य बाजार में निकाले गए अनुशासित पथ संचलन का स्थानीय नागरिकों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।
इस अवसर पर जिला संघ चालक चंद्रमोहन, सह जिला कार्यवाह मृणाल कौशिक और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।






