सिरमौर में 5.34 करोड़ से बनेगा प्रदेश का पहला राज्यस्तरीय नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र, पहली किस्त जारी

इस केंद्र के स्थापित होने से मादक पदार्थों की लत से जूझ रहे लोगों की सहायता की जाएगी. उन्हें नशीली दवाओं पर अपनी निर्भरता से उबरने और आत्मनिर्भरता के साथ समाज में फिर से एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलेगी.

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नाहन : नशे की लत से जूझ रहे लोगों के उपचार और देखभाल के लिए जिला सिरमौर में जल्द नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र शुरू हो जाएगा. ये केंद्र पच्छाद उपमंडल की दाड़ो देवरिया पंचायत के कोटला बड़ोग में खुलेगा, जहां नशे की लत में फंसे लोगों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक पहलुओं का इलाज संभव होगा.

बड़ी बात ये है कि ये प्रदेश का पहला राज्यस्तरीय आदर्श नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र होगा, जहां 100 बेड की सुविधा होगी. लोगों में नशे की लत छुड़वाने के लिए डॉक्टर्स और स्टाफ नर्सों की तैनाती होगी. इसके साथ साथ अन्य स्टाफ भी यहां तैनात किया जाएगा.

ये केंद्र 5.34 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होगा, जिसके लिए सरकार ने एक करोड़ रुपये की पहली किस्त लोक निर्माण विभाग सिरमौर को जारी कर दी है.

यह केंद्र कोटला बड़ोग में पशुपालन विभाग के वेटरनरी फार्मासिस्ट केंद्र भवन में चलाया जाना प्रस्तावित है. इसके अलावा काऊ सेंचुरी की 10 बीघा जमीन भी इसके लिए उपलब्ध करवाई गई है.

बता दें कि कोटला बड़ोग में वेटरनरी फार्मासिस्ट सेंटर सरकार द्वारा चलाया गया था, लेकिन यह सेंटर पिछले कई वर्षों से बंद पड़ा है. इसको लेकर सरकार व प्रशासन ने निर्णय लिया था कि यहां राज्यस्तरीय आदर्श नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र खोला जाए.

यहां पहले ही वेटनरी फार्मासिस्ट के लिए हॉस्टल बने हैं. इसके अलावा मेस भवन सहित कई कार्यालय भी बने हुए हैं. सरकार ने इसके नवीनीकरण के लिए पहली किस्त जारी कर दी है. इसके बाद सरकार उपकरणों के लिए भी किस्त देगी.

प्रदेश स्तर का पहला आदर्श नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र बनने से सैकड़ों लोगों की जिंदगी में बदलाव होगा. नशा मुक्ति केंद्र में कमरे, शौचालय, भोजन की व्यवस्था, मनोरंजन स्थल, पुस्तकालय, व्यायामशाला, खेल, ध्यान और योग की सुविधाएं भी दी जाएंगी. इसके अतिरिक्त केंद्र में कौशल विकास व व्यावसायिक प्रशिक्षण और इन-हाउस उपचार, भोजन, कपड़े और लॉन्डरी जैसी अनिवार्य सेवाएं भी मिलेंगी.

इस केंद्र के स्थापित होने से मादक पदार्थों की लत से जूझ रहे लोगों की सहायता की जाएगी. उन्हें नशीली दवाओं पर अपनी निर्भरता से उबरने और आत्मनिर्भरता के साथ समाज में फिर से एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलेगी.

उधर, सिरमौर जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा ने बताया कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सिरमौर में नशा मुक्ति केंद्र खोलने की घोषणा की थी. सरकार के निर्देशों के बाद विभाग ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं.

वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दिलीप सिंह कौंडल ने बताया कि एक करोड़ रुपये की पहली किस्त विभाग को मिल गई है. उन्होंने बताया कि इसके लिए कुल 5.34 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं. टेंडर आवंटित होने के बाद इसका कार्य शुरू हो जाएगा.