नाहन|
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से पेश किए गए केंद्रीय बजट का विरोध करते हुए किसान सभा जिला सिरमौर कमेटी ने बुधवार को नाहन में बजट की प्रतियां जलाईं. संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर हिमाचल किसान सभा के महासचिव राजेंद्र ठाकुर के नेतृत्व में जिला कमेटी के पदाधिकारियों व सदस्यों ने बजट को जनविरोधी और कॉर्पोरेट पूंजीपतियों व अमीरों का बजट करार दिया.
किसान नेता राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि ये बजट पूरी तरह से गरीब विरोधी है. उन्होंने कहा कि कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए 2024-25 में संशोधित अनुमान आवंटन 3 लाख 7600 हजार 172 करोड़ था, वहीं 2025-26 के लिए आबंटन केवल 3 लाख 71 हजार 687 करोड़ किया गया. ये आवंटन में बहुत बड़ी कटौती है. एमएसपी की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने, खरीद का विस्तार करने, किसानों को कर्ज मुक्त करने के लिए बजट में कुछ नहीं है. यहां तक की लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए संसदीय स्थाई समिति की सिफारिशों को भी अनदेखा किया गया.
किसान नेता राजेंद्र ने कहा कि कृषि क्षेत्र में लगातार रोजगार बढ़ रहा है, जो 2023-24 में 46.1 प्रतिशत हो गया है. अन्य रोजगार के अवसर कम बचे है, लेकिन फिर भी केंद्र सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान के सभी फंड रोक रही है. मनरेगा का बजट आबंटन पिछले वर्ष के आधार पर रखा गया. खाद्य सब्सिडी के लिए किया गया आवंटन भी पिछले वर्ष से कम है. बढ़ती कीमतें बढ़े हुए अप्रत्यक्ष करों और लगातार होती स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य, यात्रा व्यय में वृद्धि के कारण आयकर छूट 12 लाख के कोई मायने नहीं है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आबंटन 12 हजार 242 करोड़ किया गया, जो पिछले वर्ष से लगभग साढ़े तीन हजार करोड़ कम है.
खाद सब्सिडी 1 लाख 71 हजार 298 करोड़ रुपए से घटाकर 1 लाख 67 हजार 887 करोड़ रुपए कर दी गई. धन ध्यान कृषि योजना की घोषणा की गई, जिसमें 100 जिलों के 1.7 करोड़ किसानों को लाभांवित करने की बात की गई, लेकिन इसके लिए अलग से कोई आवंटन नहीं किया गया और ये मात्र एक छलावा है. किसान सभा ने इस बजट को पूरी तरह से किसान, मजदूर और आम जनता विरोधी बजट करार दिया। इस मौके पर किसान नेता सतपाल सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.