
शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को यहां मत्स्य पालन विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग को मत्स्य उत्पादन की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक अपनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस व्यवसाय से जुड़े किसानों को लाभान्वित करने के लिए राज्य की नदियों और जलाशयों के किनारे नई हैचरी और कोल्ड स्टोर स्थापित करेगी। उन्होंने विभाग को राज्यभर में नए कोल्ड स्टोर स्थापित करने के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान करने के निर्देश दिए।
सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दे रही है और इसमें मत्स्य पालन क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने मत्स्य पालन विभाग को किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें आधुनिक तकनीक और सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार मत्स्य पालन से संबंधित विभिन्न उपकरणों की खरीद पर भी सब्सिडी देकर किसानों को सहायता प्रदान कर रही है। विभाग मत्स्य पालन किसानों को आधुनिक पद्धतियों, उन्नत बीज किस्मों और नवीन तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा, ताकि वे इस क्षेत्र में हो रही प्रगति का लाभ उठा सकें।
मुख्यमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए अगले सीजन से राज्यभर के बांधों और जलाशयों में मछली बीज भंडारण बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विभाग को इस कार्य के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी करने और अगले वर्ष के लिए बीज आवश्यकताओं का आकलन करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में मत्स्य उत्पादन बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में 19,019 मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन दर्ज किया गया, जबकि इस वर्ष अक्तूबर माह तक 7773 मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन हुआ है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ट्राउट मछली उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है और राज्य सरकार ट्राउट मछली पालकों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक कॉर्पस फंड स्थापित करेगी।
राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, नीरज नैयर, मलेंद्र राजन और विवेक शर्मा, निदेशक मत्स्य विभाग विवेक चंदेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।






