शिमला : शिमला जिले के रामपुर में शुक्रवार को चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने घोषणा की कि पदम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामपुर में अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएसई पाठयक्रम शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से शिपकी ला के रास्ते व्यापार फिर से शुरू करने का आग्रह किया है। शिपकी ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने पर भी बातचीत की जा रही है।
उन्होंने कहा कि रामपुर बुशहर और पूह से दर्रे तक मौजूदा सड़क मार्ग से तीर्थयात्रा के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा विकसित करना आसान होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं शिपकी ला से सीमा पर्यटन की शुरुआत की थी और इसके परिणामस्वरूप 70,000 से अधिक पर्यटक चीन सीमा के पास हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत घाटियों का भ्रमण कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इन पहलों से रामपुर क्षेत्र और किन्नौर ज़िले व आसपास के क्षेत्रों के निवासियों को महत्त्वपूर्ण लाभ होगा। कहा कि लवी मेला न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि भारत और तिब्बत के बीच सदियों पुराने व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों का जीवंत उदाहरण भी है।
उन्होंने कहा कि सदियों पुराना यह मेला व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और लोक परंपराओं के संरक्षण का वाहक है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रामपुर आगमन पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि 17वीं शताब्दी में शुरू हुआ यह मेला अपनी मूल भावना को बनाए रखते हुए निरंतर नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
उन्होंने बदलते समय में युवा पीढ़ी को मेले से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि रामपुर बुशहर के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और मुख्यमंत्री के सहयोग से क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि रामपुर ब्लॉक में 13 सड़कों के लिए 120 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि मानसून के दौरान राज्य को भारी नुकसान हुआ है और पहली बार पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजे की राशि 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है, जो कि चार गुना वृद्धि है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी और आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।
विभागीय प्रदर्शनियों में बागवानी विभाग की प्रदर्शनी को प्रथम, कृषि विभाग को द्वितीय और जल शक्ति विभाग की प्रदर्शनी को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
हस्तशिल्प श्रेणी में ढालपुर के राम सिंह ने प्रथम, गाड़ागुशैणी के टेक सिंह ने द्वितीय और कुल्लू के बॉबी ने तृतीय पुरस्कार हासिल किया।
हथकरघा श्रेणी में पूह के यशु नेगी ने प्रथम, निचार के चंद्र सिंह ने द्वितीय और रिकांगपिओ के मणि ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया।
धातु शिल्प में डोला राम सोनी ने प्रथम, लोतम सोनी ने द्वितीय और राम दास सोनी ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।
डीसी एवं अंतरराष्ट्रीय लवी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष अनुपम कश्यप ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया और मेले के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों की जानकारी दी।






