धौलाकुआं : कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं सिरमौर में हिमाचल के कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) के किसानों के लिए आयोजित 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को सम्पन्न हो गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसान सदस्यों ने कृषि संबंधित विभिन्न पहलुओं संबंधी गहन जानकारी हासिल की।
शिविर में विभिन्न विषयों के कृषि एवं उद्यान विशेषज्ञों और अधिकारियों ने प्रतिभागी किसानों के साथ लगातार 15 दिनों तक गहन चिंतन एवं विचार विमर्श किया और उन्हें कृषि कार्यों में उन्नत आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों, उर्वरक, बीज एवं कृषि रसायनों से संबंधित स्थापित नियमों और निर्देशों के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पंकज मित्तल ने बताया कि इस तरह का व्यावसायिक दृष्टिकोण आधारित प्रशिक्षण शिविर किसान उत्पादक संगठनों के सदस्य किसानों को रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ ही हिमाचल के दूरदराज के क्षेत्रों में भी कृषि संबंधी आवश्यक इनपुट्स को और अधिक सुलभ बनाएगा।
इससे प्रदेश की आर्थिकी तो मजबूत होगी ही, वहीं कृषि से संबंधित आवश्यक जानकारी और अन्य सेवाएं भी किसानों तक आसानी से पहुंच पाएगी, क्योंकि उन्हीं के बीच का किसान अब कृषि इनपुट विक्रेता बनकर उन तक यह सभी जानकारियां पहुंचाने के लिए प्रशिक्षित हो चुका है।
उन्होंने बताया कि लंबी अवधि के ऐसे आवासीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन डॉ. परवेंद्र श्योराण (निदेशक, भा.कृ.अनु.प., लुधियाना) की वित्तीय सहायता और विश्वविद्यालय प्रशासन के सहयोग से संभव हुआ है। यह सहायता राशि किसानों की आवासीय सुविधा (किसान भवन) के जीर्णोद्धार के लिए मिली थी, जो लंबे समय से जीर्ण-शीर्ण हालत में था।
इस प्रशिक्षण शिविर में हिमाचल के 9 जिलों कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, शिमला, कुल्लू, सोलन और सिरमौर के 27 कृषक उत्पादक संगठनों के 31 किसानों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण शिविर को जिला सिरमौर में आयोजित करवाने के लिए अरावली संस्था के निदेशक यशपाल शर्मा सूत्रधार रहे।
इस शिविर का आगाज आत्मा परियोजना के निदेशक डॉ. साहब सिंह ने 17 नवंबर को किया था। समापन अवसर पर कृषि उपनिदेशक डॉ. राजकुमार, आत्मा परियोजना के निदेशक डॉ. साहब सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. शिवाली धीमान, संगीता अत्री और अन्य कृषि अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस मौके पर प्रतिभागी किसानों को प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करने के प्रमाण पत्र दिए गए, जिसके आधार पर वह संबंधित जिलों में उर्वरक, बीज एवं कृषि रसायन के विक्रेता के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदन कर पाएंगे।






