करंट से ज्यादा बिजली के बिलों ने दिया जोरदार झटका, उड़े ग्रामीणों के होश, डा. बिंदल की अगुवाई में डीसी से मिले

बिंदल ने सवाल किया कि क्या ये मीटर जनता को लूटने या फिर विभाग की चांदी करने के लिए लगाए जा रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि यदि सरकार ने इस लूटमार को बंद नहीं किया तो जनता को सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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नाहन : जिला सिरमौर की विधानसभा क्षेत्र नाहन के तहत आने वाली देवनी और विक्रमबाग पंचायतों में बिजली के बिलों ने उपभोक्ताओं को करंट से जोरदार झटका दिया है। यहां कई उपभोक्ताओं को हजारों रुपये के बिल थमाए गए हैं। इससे ग्रामीणों का बिजली बोर्ड के प्रति आक्रोश बढ़ गया है।

इस सिलसिले में ग्रामीण सोमवार को डीसी सिरमौर प्रियंका वर्मा से नाहन में मिले। जहां उन्होंने इस समस्या के बारे में अवगत कराते हुए स्मार्ट मीटर उतरवाने और उन्हें थमाई गई इस राशि को उपयुक्त राशि में बदलने की मांग की।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डा. राजीव बिंदल की अगुवाई में डीसी सिरमौर के पास शिकायत लेकर पहुंचे खलील, शेर मोहम्मद, अनीष, गौरव, जयपाल, अमर सिंह, सुरेंद्रा, ईश्वर चंद, रामकुमार और सोहल आदि ने बताया कि देवनी पंचायत के खादरी गांव के खलील मोहम्मद का बिजली का बिल 62,795 रुपये आया है। इसी गांव के महिंद्र सिंह का बिल 9,759 रुपये और विक्रमबाग के शेर मोहम्मद को 50,403 रुपये का बिल थमाया गया है।

इन ग्रामीणों ने कहा कि इन बिलों ने दिहाड़ी-मजदूरी कर अपना पेट पालने वाले परिवारों की कमर तोड़ दी है। यह बिल उनके पूरे साल की कमाई से भी कहीं ज्यादा है। पहले पुराने मीटरों पर या तो बिल आता ही नहीं था या नाममात्र का आता था, लेकिन नए स्मार्ट मीटरों ने उनकी जिंदगी मुश्किल कर दी है।

ग्रामीणों का आरोप है कि इन स्मार्ट मीटरों में कुछ गड़बड़ है, जिसकी वजह से इतने ज्यादा बिल आ रहे हैं। डा. बिंदल ने इस मामले को डीसी के समक्ष उठाया और समस्या का समाधान मांगा। उन्होंने इन मीटरों को लगाने पर भी सवाल उठाए। बिंदल ने सवाल किया कि क्या ये मीटर जनता को लूटने या फिर विभाग की चांदी करने के लिए लगाए जा रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि यदि सरकार ने इस लूटमार को बंद नहीं किया तो जनता को सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

उधर, बिजली बोर्ड सिरमौर के एसई ई. वीरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि इसे लेकर अभी उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि बिल राशि बढ़कर आई है तो ग्रामीण उनसे संपर्क करें। ये पिछले कई माह के बिल हो सकते हैं। शिकायत मिलने पर ही इसकी जांच की जाएगी।