कड़कड़ाती ठंड से पशुधन का ऐसे रखें ख्याल, एडवाइजरी जारी
कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर (धौलाकुआं) ने पशुधन को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसके मुताबिक दिसंबर महीने में तापमान में गिरावट होने की वजह से पशुओं में कई प्रकार की बीमारियां सामने आती हैं. लिहाजा, पशुपालकों को इस मौसम में पशुधन का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है.
नाहन : जिला सिरमौर में ठंड का असर लोगों के स्वास्थ्य पर तो पड़ ही रहा है, इससे पशुधन पर भी अछूता नहीं है. कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर (धौलाकुआं) ने पशुधन को लेकर एडवाइजरी जारी की है. इसके मुताबिक दिसंबर महीने में तापमान में गिरावट होने की वजह से पशुओं में कई प्रकार की बीमारियां सामने आती हैं. लिहाजा, पशुपालकों को इस मौसम में पशुधन का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है.
कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर के प्रभारी एवं प्रधान वैज्ञानिक डा. पंकज मित्तल ने बताया कि नए खरीदे चूजों को बड़ी मुर्गियों के आवास से दूर पालना चाहिए. आवास में कम से कम 16 घंटे रोशनी रहनी चाहिए. उन्होंने बताया कि कुछ अति संक्रामक रोग पशुओं के लिए घातक होते हैं. इन्हीं में से कुछ बीमारियां विषाणु के कारण होती है, जो पशुओं की बड़े पैमाने पर मौत का कारण बनती है. उन्होंने पशुपालकों से आग्रह किया कि अधिक एवं उपयोगी जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सिरमौर से संपर्क करें.
ये लक्षण होने पर चिकित्सक की सलाह लें
डा. मित्तल ने बताया कि पशुपालक अपने पशुओं में बीमारी के किसी भी लक्षण जैसे भूख न लगना या कम होना, तेज बुखार, चमड़ी पर लाल धब्बे या फोफोले निकलना और आंख-नाक-मुंह से अत्यधिक स्राव की स्थिति में तुरंत पशु चिकित्सक की सलाह लें. पशु चिकित्सक की सलाह से पशुओं को पेट व जिगर के कीडे़ मारने की दवाई दें.
डा. मित्तल के अनुसार हरे चारे की पूर्ति को ध्यान में रखते हुए सरसों मिश्रित बीजी गई जई की कटाई ले सकते हैं. यदि पशुओं को केवल सूखा चारा ही खिला रहे हों, तो प्रत्येक पशु को प्रतिदिन 40 ग्राम की दर से खनिज लवण मिश्रण अवश्य खिलाएं. पशुओं को दिन में धूप में और रात को अंदर बांधे और सर्दी से बचाव का हर संभव उपाय करें.
उन्होंने बताया कि पशुधन का दूध निकालने के बाद थनों पर वैसलीन या मक्खन लगा दें. गर्भाधरण सुनिश्चित करने के लिए पशुओं का निरीक्षण 2-3 महीने के अंदर करवा लें. भैसों में गर्माने के लक्षण मंद होते है. लिहाजा सुबह-शाम भैसों में इनका विशेष ध्यान रखें.
सर्दियों में पशुधन का खासतौर पर ध्यान रखें. पशुओं के लिए मेट इत्यादि बिछाए. ठंडी हवाओं से बचाने के लिए पशुओं के लिए तिरपाल के पर्दे लगाएं. रात्रि में इन्हें दोनों तरफ से बंद कर दें, ताकि गरमाईश बनी रहे. इसके साथ-साथ पशुओं को स्वच्छ पानी पिलाएं.