नाहन : हिमाचल प्रदेश में 15 अप्रैल से शुरू हो रहे फायर सीजन को लेकर वन विभाग ने सारी तैयारियां मुकम्मल कर ली हैं. जिला सिरमौर के वन मंडल नाहन ने बेशकीमती वन संपदा को आग से बचाने के लिए अपने सभी वन परिक्षेत्रों में खास इंतजाम किए हैं. खासकर ऐसे क्षेत्रों में स्टाफ को हर समय तैनात रहने के निर्देश दिए हैं, जो इलाके अग्निकांड की दृष्टि से अति संवेदनशील श्रेणी में आते हैं.
दरअसल, वन मंडल नाहन में जमटा, त्रिलोकपुर, कोलर और नाहन वन परिक्षेत्रों में चीड़ के जंगल हैं. लिहाजा, यहां आग फैलने की संभावनाएं सबसे ज्यादा रहती हैं. ऐसे में फायर सीजन को लेकर विभाग यहां पूरी तरह से अलर्ट हो गया है.
- फेसबुक पेज से जुड़िए :
https://www.facebook.com/aapkibaatnewsnetwork
विभाग के मुताबिक वन मंडल नाहन ने अपने सभी वन परिक्षेत्रों में 43 किलोमीटर लंबी फायर लाइन बनाई है. ये 10 मीटर चौड़ी और कई किलोमीटर लंबी हो सकती हैं, ताकि यदि जंगल के किसी हिस्से में आग की घटना पेश आए तो फायर लाइन से इसे दूसरे जंगल में फैलने से पहले ही रोका जा सके.
इसके साथ साथ 100 हेक्टेयर क्षेत्र में कंट्रोल बर्निंग भी की गई है. इसमें सड़क किनारे इकट्ठी होने वाली सूखी पत्तियों को जलाकर नष्ट किया गया, जिससे पत्तियों जैसा कोई ज्वलनशील पदार्थ सड़क पर न रहे. यही नहीं वन मंडल नाहन ने सभी वन परिक्षेत्रों में बीट स्तर पर फायर वाचरों की तैनाती भी कर दी है, जो आग लगते ही इसे कंट्रोल करने के साथ साथ विभाग के कर्मियों और अधिकारियों को जानकारी देंगे.
कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
फायर सीजन के दौरान वन विभाग ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. विभाग ने अधिकारियों सहित कर्मचारियों को वन संपदा को आग से बचाने के लिए हर वक्त तत्पर रहने के निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ साथ विभाग फायर सीजन के दौरान लोगों को भी जागरूक करने में जुटा है.
वनों को आग से बचाने के लिए जनसहभागिता आवश्यक : डीएफओ
उधर, डीएफओ नाहन अवनी भूषण राय ने बताया कि वनों को आग से बचाने में जन सहभागिता बेहद आवश्यक है. गर्मियों के दौरान जंगलों व झाड़ियों में आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं, जिससे वन संपदा के साथ-साथ वन्यजीवों को भी भारी नुकसान पहुंचता है. विभाग ने आग की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए हैं, जिसके लिए 100 हेक्टेयर क्षेत्र में कंट्रोल बर्निग की गई है.
डीएफओ ने बताया कि वन परिक्षेत्रों में फायर लाइन मेंटेनेंस की गई है. जंगलों के नजदीक सड़कों, रास्तों व वृक्षारोपण क्षेत्रों के आस-पास सूखी पत्तियों की सफाई, स्थानीय लोगों के बीच जंगलों की आग को फैलने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए हैं.
उन्होंने बताया कि नाहन वन मंडल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र स्तर और वन खंड स्तर पर क्षेत्रीय कर्मचारियों की टीमें गठित कर दी गई हैं, जो जंगलों में आग को फैलने से रोकने के लिए दिन-रात ड्यूटी पर मुस्तैद रहेगी.
इसके साथ साथ हाल ही संपन्न हुई भर्ती प्रक्रिया में नाहन मंडल के अंतर्गत चयनित हुए 61 वन मित्रों को प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा. उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि जलती हुई बीडी, सिगरेट व माचिस की तीली को इधर-उधर न फेंके. जंगलों के आस-पास कूडा-कचरा न जलाएं. लोग घासनियों में आग न लगाएं. उन्होंने कहा कि संबंधित पंचायत प्रधान, वार्ड सदस्य व अन्य जन प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी व दायित्व को निभाएं तो हम जंगलों की आग पर काबू पा सकते हैं.