किन्नौर के शिपकी-ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ, सीएम बोले- कैलाश मानसरोवर यात्रा मामला केंद्र सरकार से उठाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं प्रधानमंत्री से भेंट कर यह विषय उनके सामने प्रस्तुत करेंगे। शिपकी-ला से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सबसे सुगम मार्ग उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से भारत चीन व्यापार शिपकी-ला के माध्यम से बंद है।

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किन्नौर : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को किन्नौर जिला के सीमावर्ती क्षेत्र शिपकी-ला में सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ किया। जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीमा पर्यटन गतिविधियां शुरू होने से पर्यटन के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आर्थिकी भी सशक्त होगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से सीमावर्ती क्षेत्र लेपचा, शिपकी-ला, गिऊ और रानी कंडा में पर्यटन गतिविधियों को अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया था। स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ किया गया। प्रदेश सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा शिपकी-ला के रास्ते से शुरू करने का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्वयं प्रधानमंत्री से भेंट कर यह विषय उनके सामने प्रस्तुत करेंगे। शिपकी-ला से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सबसे सुगम मार्ग उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से भारत चीन व्यापार शिपकी-ला के माध्यम से बंद है। इस दर्रे के माध्यम से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की असीम संभावनाएं हैं। इसे पुनः शुरू करने का मामला भी केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा।

सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र से हिमाचल स्काउट बटालियन की स्थापना का आग्रह किया है, जिसमें राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए विशेष कोटा होगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड्डा स्थापित करने का मामला भी केंद्र के समक्ष उठाया जाएगा। राज्य सरकार केंद्र सरकार से सैन्य और अर्ध सैनिक बलों की इनर लाइन चेक पोस्ट को समाप्त करने का आग्रह करेगी, जिससे वर्तमान में पर्यटकों के लिए परमिट संबंधी बाधा उत्पन्न होती है।

यात्रा को सरल और पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके तहत भारतीय सेना और अर्ध सैनिक बलों के साथ सहयोग पर बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन कदमों से पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।

सुक्खू ने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला से किन्नौर को जोड़ने वाली वांगतू-अटरगू-मुद-भावा दर्रा मार्ग को राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से मंजूरी मिली है, जिससे इसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस सड़क के बनने से शिमला और काजा के बीच दूरी लगभग 100 किलोमीटर कम हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती सड़कों का केवल सामरिक महत्त्व नहीं है, बल्कि इनका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में संपर्क सुविधा बढ़ाकर लोगों को लाभ प्रदान करना है। सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की कार्य योजना के बारे में उन्होंने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) से चर्चा की है। ITBP के स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है।

आईटीबीपी के विभिन्न हेलीपैड को दूर-दराज क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उपयोग में लाए जाने पर भी चर्चा की गई है। कहा, हमें सेना और अर्ध सैनिक बलों के शौर्य पर नाज है। इस दौरान सीएम ने शिपकी-ला में सरहद वन उद्यान का शुभारंभ भी किया और इंदिरा गांधी प्वाइंट भी विजिट किया।

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और सीमा पर्यटन गतिविधियों का शुभारंभ करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिपकी-ला में पर्यटन संबंधी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने क्षेत्र में हिमाचल पथ परिवहन निगम का ऑन डिमांड बस रूट आरंभ करने का आग्रह भी किया। उन्होंने क्षेत्र से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की।

हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, किनफेड के अध्यक्ष चन्द्र गोपाल नेगी, कमांडिग आफिसर 19 बिहार रेजीमेंट कर्नल नितिन शंकर, कमांडिंग आफिसर-।। महार कर्नल जीके गुंडे, कमांडेंट 43 आईटीबीपी सुरेन्द्र पंवार, डीसी अमित कुमार समेत कई अधिकारी और अन्य गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित रहे।