तुर्की के सेब पर कम से कम 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के लिए सीएम ने पीएम को लिखा पत्र

सीएम ने यह भी अनुरोध किया कि आयातित सेब पर मात्रात्मक प्रतिबंध भी लगाया जाना चाहिए। आगामी दिल्ली दौरे के दौरान वह व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री से तुर्की से खरीदे जा रहे सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का मुद्दा उठाएंगे।

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शिमला : सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पीएम नरेंद्र मोदी से तुर्की से सेब के आयात को हतोत्साहित करने और हिमाचल के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा करने के लिए सेब पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 100 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि आयातित सेब पर मात्रात्मक प्रतिबंध भी लगाया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश के सेब राज्य के रूप में जाना जाता है और यहां उत्पादित सेब अपनी मिठास के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। सेब राज्य की प्रमुख नकदी फसल है और इससे लगभग 4500 करोड़ रुपये की वार्षिक आय अर्जित होती है। सेब की फसल से लगभग 10 लाख मानव दिवस सृजित होते हैं, जिससे 2.50 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में लगभग 31 देशों से सेब का आयात किया जाता है। वर्ष 2024 के दौरान लगभग 5.19 लाख मीट्रिक टन सेब आयात किए गए, जबकि वर्ष 1998 के दौरान 1100 मीट्रिक टन सेब का आयात किया गया था जो तुलनात्मक रूप से 500 गुना अधिक है। वर्ष 2020 के दौरान तुर्की से आयातित सेब की हिस्सेदारी में वृद्धि दर्ज की गई और वर्ष 2023 के दौरान 1.29 लाख मीट्रिक टन के साथ सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई।

वर्ष 2024 के दौरान तुर्की से 1.17 लाख मीट्रिक टन सेब का आयात किया गया था, जो कुल सेब आयात का 23 प्रतिशत रहा। हाल के वर्षों में भारतीय बाजारों में तुर्की के सेबों की भरमार देखने में आई है। यह देश के सेब उत्पादकों के लिए चिंता का विषय है।

तुर्की के सेबों की अधिकता से न केवल स्थानीय सेब उत्पादक प्रतिस्पर्धात्मक रूप सेे कमजोर होते हैं, बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के छोटे और सीमांत सेब उत्पादकों की आजीविका पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि आगामी दिल्ली दौरे के दौरान वह व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री से तुर्की से खरीदे जा रहे सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का मुद्दा उठाएंगे।