पांगी बना प्रदेश का पहला प्राकृतिक खेती उप-मंडल, जौ पर 60 रुपये एमएसपी की घोषणा

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चंबा : हिमाचल में पहली बार राज्यस्तरीय हिमाचल दिवस समारोह का आयोजन चंबा जिले की मनोरम पांगी घाटी के किलाड़ क्षेत्र में किया गया. हैलीपेड मैदान में भारी संख्या में लोग 78वें हिमाचल दिवस समारोह में शामिल हुए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेशवासियों को हिमाचल दिवस की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने हिमाचल को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार को याद किया.

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड की सलामी ली. परेड में कुल 6 टुकड़ियां शामिल थीं, जिनका नेतृत्व आईपीएस अधिकारी रविनंदन ने किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने उदयपुर-किलाड़ सड़क के सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष गंभीरता से उठाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप निविदा प्रक्रिया अंतिम चरण में है. उन्होंने लाहौल-स्पिति प्रशासन को सभी औपचारिकताएं शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए.

उन्होंने पांगी को हिमाचल का पहला प्राकृतिक खेती उप-मंडल बनाने और इसके लिए 5 करोड़ रुपये के रिवोलविंग फंड प्रदान करने की घोषणा की. उन्होंने प्राकृतिक रूप से उगाए गए जौ के लिए 60 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने और पांगी में 10 हजार लीटर क्षमता वाला दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पांगी घाटी में विद्युत आपूर्ति सुदृढ़ करने के लिए 62 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर कार्य कर रही है. तांदी और शौर तक 11 केवी लाइन पर 5 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. उन्होंने थिरोट से किलाड़ तक 33 केवी लाइन बिछाने के लिए 45.50 करोड़ रुपये की घोषणा की. उन्होंने साच को उप-तहसील का दर्जा देने और महिला मंडल भवनों के निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया.

मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में यातायात सुविधा सुदृढ़ करने के लिए 20 नए बस परमिट जारी करने और बसों की खरीद पर 40 प्रतिशत उपदान देने के अलावा 4 माह के रोड़ टेक्स में छूट प्रदान करने की घोषणा की. उन्होंने पांगी में एक राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल और किलाड़ के नागरिक अस्पताल को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की.

ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने होम-स्टे पंजीकरण शुल्क पर 50 प्रतिशत छूट देने और घाटी में संपर्क मार्गों के सुधार कार्यों के लिए 1.5 करोड़ रुपये प्रदान करने की भी घोषणा की.

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पांगी घाटी से विशेष लगाव रहा और 1984 में यहां आने वाली व देश की पहली प्रधानमंत्री थीं, जिसके बाद क्षेत्र के विकास को गति मिली. यह कांग्रेस सरकारों की जनजातीय क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नीतियों और कानून में विशेष परिवर्तन किए हैं, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. सरकार ने अपने 10 चुनावी वायदों में से 6 वायदों को पूरा कर लिया है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं. प्रदेश सरकार किसानों को दूध, गेहूं, मक्की और हल्दी जैसी फसलों की प्राकृतिक खेती पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है और 1.58 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रमाणित किया गया है.

सुक्खू ने कहा कि इस साल कृषि ऋण ब्याज अनुदान योजना शुरू की जाएगी, ताकि बैंकों के माध्यम से वन टाइम सेटलमेंट नीति लाकर उन किसानों को लाभ दिया जा सके, जिनकी जमीनें नीलामी के कगार पर आ गई हैं. इस योजना से वे अपने 3 लाख रुपये तक के कृषि ऋण चुका सकेंगे. इस नीति के अंतर्गत मूलधन पर लगने वाले ब्याज का 50 प्रतिशत हिस्सा सरकार वहन करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गाय और भैंस के दूध पर समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि की है. गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस का दूध को 61 रुपये प्रति लीटर किया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश सरकार हिमाचल को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके अंतर्गत परिवहन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है. जनजातीय क्षेत्रों में 250 किलोवाट से एक मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्र को स्थापित करने के लिए क्षेत्रवासियों को पांच प्रतिशत ब्याज उपदान दिया जाएगा.

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, विधायक सुंदर सिंह ठाकुर व नीरज नैयर, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, एपीएमसी चंबा के अध्यक्ष ललित ठाकुर, कांग्रेस नेता यशवंत खन्ना, सुरजीत भरमौरी सहित विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, सचिव सामान्य प्रशासन राजेश शर्मा, डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा, डीसी मुकेश रेपसवाल, एसपी अभिषेक यादव व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.