रोहड़ू घटना को लेकर नाहन में विरोध प्रदर्शन, आरोपियों के खिलाफ मांगी कठोर कार्रवाई

वक्ताओं ने इस अमानवीय घटना की कड़ी निंदा करते हुए इस कृत्य को "मानवता पर कलंक और संविधान की आत्मा पर हमला" करार दिया और कहा कि यह घटना देवभूमि की छवि पर एक बड़ा धब्बा है।

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नाहन : दलित शोषण मुक्ति मंच जिला कमेटी सिरमौर ने जिला शिमला के रोहड़ू क्षेत्र में हाल ही में 12 वर्षीय एक किशोर की जातिगत उत्पीड़न से हुई मौत के मामले में नाहन में विरोध प्रदर्शन कर आरोपियों के खिलाफ जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस दौरान मंच ने एडीएम सिरमौर के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री और अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष को ज्ञापन भी भेजे।

दलित शोषण मुक्ति मंच के संयोजक आशीष कुमार, हिमाचल कोली समाज के अध्यक्ष प्रवीण तोमर, क्रिस्चियन समुदाय के अध्यक्ष प्रवीण सोढा, वाल्मीकि सभा के अध्यक्ष विजय चौरिया, जनवादी महिला समिति की जिलाध्यक्ष संतोष कपूर, सीटू जिलाध्यक्ष राजेश तोमर आदि वक्ताओं ने इस अमानवीय घटना की कड़ी निंदा करते हुए इस कृत्य को “मानवता पर कलंक और संविधान की आत्मा पर हमला” करार दिया।

उन्होंने कहा कि यह घटना देवभूमि की छवि पर एक बड़ा धब्बा है। रोहड़ू क्षेत्र में एक किशोर को केवल इसलिए गांव के दबंगों के अत्याचार का शिकार होना पड़ा, क्योंकि वह गलती से एक ऊंची जाति के व्यक्ति के घर के बरामदे में चला गया था। इसके बाद उसे गौशाला में कैद किया गया और कथित शुद्धिकरण के नाम पर बकरे की मांग की गई।

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मंच ने इसे अंधविश्वास, रूढ़िवादिता और मनुवादी मानसिकता का परिणाम बताया, जो संविधान के अनुच्छेद 17 और अनुच्छेद 21 का खुला उल्लंघन है।दलित शोषण मुक्ति मंच ने इस मामले में उच्च-स्तरीय न्यायिक जांच और सभी आरोपियों को एससी/एसटी एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तार कर कड़ा दंड देने की मांग की।

ज्ञापन में मंच ने पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा, एक परिजन को सरकारी नौकरी और जीवनभर की सुरक्षा देने की भी मांग की है। साथ ही मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की वकालत की।

मंच ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर शीघ्र और कठोर कार्रवाई नहीं होती है, तो राज्यव्यापी विरोध अभियान और जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन में विश्वनाथ शर्मा, लखबीर चौहान, संजय कुमार, नरेश, राजेंद्र शर्मा, हीरा सिंह सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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