हिमाचल की मृदुला श्रीवास्तव को भूटान में मिलेगा ‘साहित्य शिरोमणि सम्मान’

उनकी कहानियां, बाल कथाएं, लघु कथाएं, व्यंग्य व समीक्षाएं भारत और मॉरीशस की अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कुछ रचनाओं का अनुवाद अंग्रेजी, फ्रेंच और नेपाली में भी हुआ है।

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शिमला : हिमाचल प्रदेश की वरिष्ठ साहित्यकार एवं एसजेवीएन की पूर्व उप महाप्रबंधक मृदुला श्रीवास्तव को भूटान की राजधानी थिंफू में 14 सितंबर को ‘साहित्य शिरोमणि सम्मान‘ से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उनके कहानी संग्रह ‘जलपाश’ एवं अन्य साहित्यिक उपलब्धियों के लिए प्रदान किया जाएगा।

थिंफू में 13 से 17 सितंबर तक आयोजित हो रहे पांच दिवसीय भूटान-भारत साहित्य महोत्सव में भूटान और भारत के कई साहित्यकार व बुद्धिजीवी हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर मृदुला श्रीवास्तव के पहले व्यंग्य संग्रह ‘आलस्यमेव जयते‘ का विमोचन भी होगा।

शिक्षा, साहित्य, कला एवं संस्कृति को समर्पित संस्था
क्रान्तिधरा साहित्य अकादमी थिंफू में भूटान-भारत साहित्य महोत्सव आयोजित कर रही है। इसमें देश-विदेश के साहित्यकार और शोधार्थी हिस्सा लेंगे। अंतरराष्ट्रीय मंच पर मृदुला श्रीवास्तव कहानी पाठ भी करेंगी।

उल्लेखनीय है कि उन्हें उनके पहले कहानी संग्रह ‘काश पंडोरी न होती’ के लिए गोवा की तत्कालीन राज्यपाल मृदुला सिन्हा से चेन्नई में ‘सृजनलोक प्रथम कृति‘ सम्मान मिल चुका है। इसके अलावा भी उन्हें राष्ट्रीय स्तर के अनेक सम्मान मिले हैं।

अमन प्रकाशन से 2019 में प्रकाशित मृदुला श्रीवास्तव के कहानी संग्रह ‘जलपाश‘ में सामाजिक सरोकारों और मानवीय मूल्यों को सामने लाती 10 मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक कहानियां संग्रहित हैं। उनकी कहानियां, बाल कथाएं, लघु कथाएं, व्यंग्य व समीक्षाएं भारत और मॉरीशस की अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी कुछ रचनाओं का अनुवाद अंग्रेजी, फ्रेंच और नेपाली में भी हुआ है।