पांवटा साहिब : उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर पांवटा साहिब वन विभाग ने एक वॉच टावर स्थापित कर दिया है। बहराल क्षेत्र में स्थापित इस वॉच टावर से अब सीमा पार से आने वाले हाथियों की पहरेदारी होगी।
दरअसल, वन विभाग ने प्रोजेक्ट एलीफेंट के दूसरे चरण में 4.75 लाख रुपये की लागत से यह वॉच टावर स्थापित किया है। अब वन कर्मी करीब 45 फीट (14 मीटर) की ऊंचाई वाले इस टावर के माध्यम से हाथियों के आवागमन पर पैनी नजर रख पाएंगे।
बता दें कि बहराल क्षेत्र उत्तराखंड की सीमा के साथ लगता है और बीच में बहने वाली यमुना नदी दोनों प्रदेशों को आपस में बांटती है। फिलहाल, बरसात के कारण यमुना उफान पर है। लिहाजा, उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से यहां आने वाले हाथियों पर नदी के बढ़े जलस्तर ने ब्रेक लगा रखी है।
बरसात का मौसम समाप्त होते ही सितंबर व अक्तूबर माह में पड़ोसी राज्य से बहराल इलाके से ही हिमाचल की सीमा में अधिकतर हाथियों का आवागमन होता है। यह क्षेत्र हाथियों के आवागमन का प्रमुख गलियारा माना जाता है। यही वजह है कि सबसे पहले वन विभाग ने इसी क्षेत्र में वाच टावर को स्थापित किया है।
उल्लेखनीय कि उत्तराखंड के राजाजी नेशनल हाइवे और हरियाणा के कलेसर नेशनल पार्क से पिछले काफी समय से पांवटा साहिब की सीमा में हाथियों की चहलकदमी हो रही है, जो समय के साथ-साथ बढ़ती ही जा रही है। इतना ही नहीं कई मर्तबा हाथी वन मंडल नाहन की सीमा तक में दाखिल हो जाते हैं।
पांवटा साहिब और नाहन वन मंडलों में हाथी अकसर खेत-खलियानों को भारी नुकसान भी पहुंचाते आ रहे हैं। इतना ही नहीं 2 अलग-अलग घटनाओं में दोनों वन मंडलों के अंतर्गत हाथी एक बुजुर्ग महिला सहित दो लोगों को मौत के घाट भी उतार चुके हैं। लिहाजा, वन विभाग ने प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के दृष्टिगत कई अहम कदम भी उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप रिहायशी इलाकों में हाथियों के आवागमन में कमी भी दर्ज हो रही है।
जंगलों और आग की घटनाओं पर भी रहेगी नजर
इस वॉच टावर को स्थापित करने का मकसद हाथियों पर नजर रखना ही नहीं है, बल्कि इससे वन कर्मी संबंधित इलाके में दूर तक जंगलों और गर्मी के मौसम में वनों में लगने वाली आग की घटनाओं की भी निगरानी रख पाएंगे।
बहराल की तर्ज पर वन विभाग की अन्य हाथी प्रभावित इलाकों में भी वॉच टावर स्थापित करने की योजना है। प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत जैसे-जैसे बजट का प्रावधान किया जा रहा है, उसके दृष्टि प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के मद्देनजर उचित कदम उठाए जा रहे हैं।
क्या कहते हैं डीएफओ?
सीमा पार से आने वाले हाथियों पर नजर रखने के लिए बहराल में वॉच टावर स्थापित किया गया है। अन्य कुछेक इलाकों में भी ऐसे टावर स्थापित करने की योजना है। इससे जंगलों की सुरक्षा भी हो सकेगी। विभाग वह हर संभव प्रयास कर रहा है, जिससे मानव-हाथी संघर्ष को कम किया जा सके। इसके लिए प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत सुरक्षा की दृष्टि से उचित कदम उठाए जा रहे हैं।
-ऐश्वर्य राज, डीएफओ, पांवटा साहिब