आखिर क्यों भड़के त्रिलोकपुर के किसान, नाहन में की नारेबाजी, जानें क्या है ये मामला

साथ ही यह भी ऐलान किया कि यदि इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वह न केवल जिला बल्कि आसपास के राज्यों के किसान संगठनों से भी इस मुद्दे पर उनके साथ आकर आंदोलन करने का आग्रह करेंगे।

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नाहन : ग्राम पंचायत त्रिलोकपुर के किसानों व जमींदारों ने शनिवार दोपहर बाद जिला मुख्यालय नाहन पहुंच डीएफओ कार्यालय के बाहर एक संस्था के अध्यक्ष समेत 2 लोगों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए पहले डीएफओ और फिर वन अरण्यपाल को इस संबंध में लिखित शिकायत सौंपी।

शिकायत में किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से दोनों लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही यह भी ऐलान किया कि यदि इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वह न केवल जिला बल्कि आसपास के राज्यों के किसान संगठनों से भी इस मुद्दे पर उनके साथ आकर आंदोलन करने का आग्रह करेंगे।

त्रिलोकपुर के स्थानीय निवासी एवं किसान मेहर सिंह, मामराज, जगदीश सिंह, जितेंद्र, नाटू राम, रघुबीर सिंह, जय सिंह, विजय पाल, रतन, विक्रम सिंह, करण सिंह समेत दो दर्जन से अधिक किसानों ने वन विभाग को सौंपी लिखित शिकायत में आरोप लगाया कि त्रिलोकपुर में पेड़ों के कटान का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बावजूद इसके न केवल इस मामले को तूल दिया जा रहा है, बल्कि किसानों पर बेवजह दबाव बनाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। ये सब सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है।

हाल ही में न्यायालय के आदेश पर वन विभाग की टीम ने दोनों व्यक्तियों को साथ लेकर मौके का मुआयना भी करवाया, जहां सिर्फ 20 से 25 पेड़ों के निशान ही मिले। फिर भी जंगल में आग लगाने का हवाला देकर बेवजह किसानों को प्रताड़ित करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार से गरीब किसानों को पेड़ काटने की परमिशन मिली थी, उसके बाद जो कटान हुआ, वह वैध था। इतना ही नहीं जो कटान हुआ, वह किसानों की अपनी मलकियत भूमि में करवाया गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या किसान अपनी जमीन में खैर के पेड़ भी नहीं कटवा सकता, जिसकी बाकायदा मंजूरी मिली हो।

किसानों ने सवाल किया कि न्यायालय में विचाराधीन मामले को बार-बार मीडिया में उछालना नियमों के खिलाफ है और न्यायालय की अवमानना भी है। किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब मौके पर कोई अवैध कटान नहीं मिला, तो ये दोनों किसानों के साथ बैठकर इस पर फैसला करने की बात भी कह रहे हैं।

किसानों को न्यायालय पर पूरा भरोसा है। जो भी फैसला आएगा, वह किसानों को स्वीकार होगा। इसके साथ-साथ किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रस्तावित कंडईवाला-त्रिलोकपुर सड़क के निर्माण को लेकर क्षेत्र में भू माफिया भी अलर्ट हो गया है। ये प्रॉपटी डीलर किसानों को डरा धमकाकर जमीनों की खरीद फरोख्त का दबाव बना रहे हैं।

इस जंगल झाड़ी में किसानों की तरफ से कोई शिकायत नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसानों ने वन विभाग के साथ-साथ न्यायालय से भी गुहार लगाई कि इस मामले में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।

उधर, इस मामले में डीएफओ नाहन अवनी भूषण राय ने किसानों की तरफ से शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। किसानों की मिली शिकायत के आधार पर नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।