सिरमौर में जल प्रलय, 171 सड़कों पर प्रभावित रही आवाजाही, जानें जिले में कहां हुई सबसे ज्यादा बारिश

सड़कों के प्रभावित होने से विभाग को 9.81 करोड़ रुपए की चपत लगी है, जो अब तक यानी दो माह के भीतर बारिश से हुए नुकसान की तुलना में सबसे बड़ा आंकड़ा है।

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नाहन : जिला सिरमौर में मूसलाधार बारिश का कहर लगातार जारी है। इससे आम जनजीवन पूरी तरह अस्तव्यस्त हो गया है। सड़कों पर आवाजाही ठप पड़ गई है। कई इलाकों में बिजली और पानी का संकट भी खड़ा हो गया है।

पिछले 24 घंटे के भीतर भारी बारिश के बीच भारी भूस्खलन और मलबा आने से 171 सड़कों पर सोमवार को जीवन की रफ्तार रुक गई। इससे जिले के कई इलाकों का संपर्क जिला मुख्यालय नाहन सहित उपमंडल मुख्यालयों से भी कट गया।

गंतव्य तक पहुंचने के लिए वाहन चालकों सहित यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन सड़कों पर 40 से अधिक सरकारी और निजी बसें घंटों फंसी रहीं।

बारिश से शिलाई डिवीजन में सबसे ज्यादा 46 सड़कें प्रभावित हुई। इसके साथ साथ संगड़ाह में 34, पांवटा साहिब में 27, नाहन और राजगढ़ में 23-23 और सराहां डिवीजन में 18 सड़कों पर यातायात घंटों तक ठप रहा। हालांकि, लोक निर्माण विभाग की मशीनरी लगातार सड़कों को खोलने में जुटी है, लेकिन कई सड़कों पर बार-बार भूस्खलन हो रहा है।

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ऐसे में विभाग को भी सड़कें बहाल करने में खासी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछेक सड़कों को विभाग ने शाम तक अस्थायी तौर पर बहाल कर दिया है, जबकि शेष सड़कों को खोलने का कार्य जारी है।

सड़कों के प्रभावित होने से विभाग को 9.81 करोड़ रुपए की चपत लगी है, जो अब तक यानी दो माह के भीतर बारिश से हुए नुकसान की तुलना में सबसे बड़ा आंकड़ा है।

इसके साथ साथ जिले में 691 DTR (ट्रांसफार्मर) भी प्रभावित हुई हैं। बिजली बोर्ड के राजगढ़ डिवीजन में सबसे ज्यादा 625 और पांवटा साहिब में 66 डीटीआर को नुकसान हुआ है। इससे कई इलाकों में बिजली कई घंटों तक ठप रही। बोर्ड के कर्मचारी मूलभूत ढांचे को दुरूस्त करने में जुटे हैं।

इसके अलावा जलशक्ति विभाग की 89 पेयजल योजनाएं भी सोमवार को प्रभावित हो गईं। नौहराधार में 59, पांवटा साहिब में 20 और शिलाई में 4 योजनाओं को नुकसान होने से कई इलाकों में पेयजल संकट खड़ा हो गया है।

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पांवटा साहिब-शिलाई NH कच्ची ढांक में बंद
पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाइवे-707 सतौन के समीप कच्ची ढांक के पास धंसने से बंद हो गया है। कच्ची ढांक में हाईवे लगातार धंस रहा है। यहां बड़े वाहनों की आवाजाही में पूरी तरह ठप पड़ गई है। सोमवार को कई बड़े वाहन हाईवे के दोनों ओर फंसे रहे। इससे वाहन चालकों और यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हर साल ये हाईवे कच्ची ढांक के पास अवरूद्ध हो रहा है।

इसके अलावा ये नेशनल हाइवे टिंबी, गंगटोली, हैवना, शिल्ला, तिलोरधार और चिल्लौन आदि स्थान पर भी कई घंटों बंद रहा। वहीं, नाहन-कुमारहट्टी नैशनल हाईवे गांधी ग्राम शिव मंदिर के समीप, बोली, पानवा, कनलोग, गसानी और बनेठी में जगह-जगह भूस्खलन होने से 5 घंटे बंद रहा।

नौहराधार में सबसे अधिक 200 मिलीमीटर वर्षा दर्ज
जिला सिरमौर में 24 घंटे के भीतर सबसे अधिक वर्षा नौहराधार में 200 मिली मीटर दर्ज की गई। शिलाई में 190 मिलीमीटर, नाहन में 178 मिलीमीटर, राजगढ़ में 140, संगड़ाह में 135, ददाहू में 134 मिली मीटर और पांवटा साहिब में 109 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

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कई मवेशी मरे
बारिश के बीच गौशाला क्षतिग्रस्त होने से चौरास गांव में मोहन लाल के चार मवेशी आपदा का शिकार हो गए। इससे पशुपालक को 39 हजार का नुकसान हुआ है। वहीं, भराड़ी के मेलाराम 8 पशु भी आपदा की भेंट चढ़ गए।

इससे पशुपालक को 1.30 लाख रुपए का नुकसान आंका गया है। नाहन छावनी शमशेरपुर के जितेंद्र सिंह के पक्के मकान को एक लाख रुपए का नुकसान हुआ है। इसके साथ साथ राजगढ़ उपमंडल के चखाल दूंगी गांव के वेद प्रकाश का पक्का मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, जिसको 7 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।