सोलन : हिमाचल निर्माता एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशंवत सिंह परमार की 119वीं जयंती सोलन में धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर डीसी सोलन मनमोहन शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, जबकि डॉ. वाईएस परमार के पौत्र आनंद परमार और पदमश्री विद्यानंद सरैक ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। सिरमौर कल्याण मंच के प्रधान प्रदीप ममगाई ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
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इस मौके पर सिरमौर जल शक्ति विभाग से हाल ही में इंजीनियर-इन-चीफ के पद सेवानिवृत्त हुए इंजीनियर जोगेंद्र चौहान को डॉ. परमार और विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे युवा हिमाचली कृतिका शर्मा को सिरमौर सम्मान से नवाजा गया।
जलशक्ति विभाग में 38 साल दीं सेवाएं
ई. जोगेंद्र सिंह चौहान अपनी सेवा के दौरान समर्पित सेवाभाव, तकनीकी दक्षता और सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की जल, सिंचाई एवं स्वच्छता व्यवस्थाओं में अभूतपूर्व योगदान दिया।
जिला सिरमौर के ग्राम लाना चेता में जन्मे जोगेंद्र सिंह चौहान स्वभाव से मृदुभाषी व सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। 38 वर्षों तक जलशक्ति विभाग में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कुशल नेतृत्व व प्रशासनिक क्षमता का परिचय देते हुए इंजीनियर इन चीफ के पद से सेवानिवृत हुए।
चौहान ने अपने कार्यकाल के दौरान सौर ऊर्जा आधारित वितरण प्रणाली, बावड़ी जल गुणवत्ता मॉडल, ऊर्जा-कुशल पंपिंग सिस्टम और कम लागत वाले जल भंडारण टैंकों जैसे कई नवाचारों का सृजन किया, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में जल प्रबंधन व ऊर्जा संरक्षण में नई दिशा मिली। उनके कार्यकाल में हिमाचल को राष्ट्रीय जल जीवन मिशन पुरस्कार (2022) प्राप्त हुआ, जो उनकी दूरदर्शिता व प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
कृतिका ने 18 वर्ष में फतह किया माउंट एवरेस्ट
सिरमौर सम्मान प्राप्त करने वाली कृतिका शर्मा ने 18 वर्ष की आयु में ही विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह कर ली। ऐसा करने वाली वह हिमाचल की सबसे कम उम्र की युवती बनी। कृतिका का जन्म सिरमौर जनपद के संगड़ाह तहसील के गत्ताधार गांव में पिता भरत शर्मा और माता विद्या देवी के घर 27 फरवरी 2007 को हुआ।
कृतिका ने खेल को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाकर एक नया दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास किया। राष्ट्र प्रेम के भाव को विस्तार देने के लिए राजकीय महाविद्यालय, पांवटा साहब की राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) में शामिल होकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। कृतिका कबड्डी की उत्कृष्ट खिलाड़ी रह चुकी हैं। 18 मई 2025 को विश्व की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट (8,848मीटर) फतह कर सबसे युवा हिमाचली बनीं।
चूड़ेश्वर सांस्कृतिक दल ने बांधा समा
इस मौके पर चूड़ेश्वर सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने डॉ. जोगेंद्र हाब्बी के नेतृत्व में सिरमौर के विलुप्त हो रहे सिंहटू नृत्य, माला व दीपक नृत्य की शानदार प्रस्तुतियों ने समा बांधा। पदमश्री विद्यानंद सरैक ने कहा कि सिरमौरी लोकगीत की संस्कृति समृद्ध है। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार हमेशा ही लोकगीत, लोक संस्कृति और लोक कला पर बल देते थे। हिमाचल के लोकगीत उन्हें बेहद प्रिय थे।
हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के पौत्र आनंद परमार ने कहा कि डॉ. परमार के दिखाए रास्ते पर चलकर आज हिमाचल प्रदेश हिमालयी राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में उभरा है। हिमाचल के गठन में उनका योगदान अतुल्य है।