शिमला/नई दिल्ली : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर हिमाचल प्रदेश के लिए उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने और लंबित धनराशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया।
उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल को वर्ष 2032 तक आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू कर रही है और वर्तमान योजनाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने प्रधानमंत्री को प्रदेश सरकार की पर्यटन, हरित ऊर्जा, विद्युत और अन्य क्षेत्रों में की गई पहल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य के हितों की रक्षा की पैरवी की। उन्होंने इन परियोजनाओं को राज्य को लौटाने के लिए समय सीमा तय करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने जल विद्युत परियोजनाओं में राज्यों के अधिकारों की भी पुरजोर वकालत की। मुफ्त रॉयल्टी, 40 वर्ष पूरे कर चुके पीएसयू और सीपीएसयू को राज्य को सौंपने का मामला भी उठाया। उन्होंने 40 वर्ष पूरा कर चुकीं परियोजनाओं से अधिशेष भूमि वापिस करने और योजना लागत पूरी करने के उपरान्त रॉयल्टी में बढ़ोतरी से संबंधित मामला भी उठाया।
सुक्खू ने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण पर चर्चा की। उन्होंने राज्य के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा का भी आग्रह कर तुर्की और अन्य देशों से सेब के आयात के संबंध में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री की मांगों को सुना और सेब के आयात संबंधी मामले की समीक्षा करने और अन्य मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।