चंडीगढ़/नाहन : अपने लिए तो सब जीते हैं लेकिन दूसरों के लिए जीना ही इंसानियत कहलाता है. कुछ ऐसी ही मिसाल जिला सिरमौर के अनूप इंसा ने कायम की है, जिनका अपना जिगर का टुकड़ा पीजीआई में उपचाराधीन है।ऐसे में जब वह अपने लाडले की तीमारदारी में जुटे थे, इसी बीच उन्हें सूचना मिली कि किसी अन्य मरीज को खून की सख्त जरूरत आन पड़ी है तो उन्होंने बिना समय गंवाए जरूरतमंद को अपना रक्त देकर उसका जीवन बचा लिया. इस वाकया के बाद अनूप इंसा की इंसानियत की तारीफ हर जगह हो रही है.
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बता दें कि अनूप इंसा का 11 वर्षीय लाडला अद्वित कई दिन से पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन है. उनका बेटा चंद रोज पहले चकराकर गिर गया था. इसके बाद अचेत अवस्था में गए अपने बेटे को लेकर वह मेडिकल कालेज नाहन पहुंचे, जहां बेटे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया. बताया जा रहा है कि उनका बेटा सैमी कोमा में चला गया था. उसकी हालत ये हो गई थी कि वह अपने परिजनों को भी नहीं पहचान पा रहा था. हालांकि, वह बेसुध हालत से निकलकर अब धीरे-धीर रिकवर कर रहा है. पिता के अनुसार बेटे की रीढ़ की हड्डी का सैंपल जांच के लिए बैंगलुरू भेजा गया है.
ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिसका लाडला ऐसी गंभीर अवस्था में उपचाराधीन हो, उस पिता की मानसिक स्थिति कैसी होगी. बावजूद इसके अनूप ने अपना मनोबल बढ़ाते हुए मानवता की एक ऐसी मिसाल पेश की, जिसकी न केवल पीजीआई, बल्कि सिरमौर में भी प्रशंसा हो रही है. लोग भी अब उनके बेटे के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं.
68वीं बार कर चुके रक्तदान
हालांकि, ये कोई पहला मौका नहीं है जब अनूप ने रक्तदान कर किसी की अनमोल जान बचाई हो. इससे पहले भी वह कई बार रक्तदान कर कई कीमती जानें बचा चुके हैं और इस बार उन्होंने 68वीं बार रक्तदान किया. बता दें कि अनूप इंसा नाहन विकास खंड की बर्मा पापड़ी पंचायत के रहने वाले हैं. गुरू कृपा विद्या निकेतन हाई स्कूल के नाम से वह अपना शिक्षण संस्थान भी चला रहे हैं. शिक्षा के साथ साथ वह सामाजिक सरोकारों से भी जुड़े हैं.
ड्राप्स ऑफ होप सोसाइटी बनी माध्यम
अनूप इंसा लंबे समय से समाज सेवा में अग्रणी ड्राप्स ऑफ होप सोसाइटी से जुड़े हैं. ये सोसाइटी जिला सिरमौर के नाहन में संचालित हो रही है, जिससे सैकड़ों सदस्य हैं. ये सोसाइटी न केवल जिला सिरमौर, बल्कि प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों में जरूरतमंदों के लिए ब्लड का इंतजाम करवा रहे हैं.
संस्था के संचालक ईशान राव ने बताया कि उन्हें सिरमौर के शिलाई से संबंध रखने वाले एक मरीज के पीजीआई में भर्ती होने की सूचना मिली थी, जिसे खून की सख्त आवश्यकता थी. इसे लेकर उन्होंने सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप में ये मैसेज दिया, जिसके बाद पीजीआई में अपने बेटे की तीमारदारी में जुटे अनूप इंसा साथ लगते ब्लड बैंक पहुंचे और उन्होंने संबंधित मरीज को अपना एबी पाजिटिव रक्त दिया. कहा जा सकता है कि खुद अपने लाडले की रक्षा के लिए दुआ मांगने वाले पिता अनूप इंसा पीजीआई में ही किसी दूसरे मरीज के लिए भगवान का रूप बन गए.