अद्भुत चमत्कार! 28 साल बाद जब ‘मां’ की चौखट पर टूटा मौन, चिंतपूर्णी मंदिर में विज्ञान हुआ नतमस्तक

ये बड़ा चमत्कार हुआ पंजाब के होशियारपुर से दर्शन के लिए आए भक्त सूरज के साथ। 28 साल... ये वो लंबा समय था जब सूरज की दुनिया खामोश थी। वह जन्म से ही न सुन सकते थे और न बोल सकते थे।

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ऊना : देवभूमि हिमाचल के विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां चिंतपूर्णी मंदिर से मंगलवार को एक ऐसी अलौकिक घटना सामने आई है, जिसने आस्था और श्रद्धा को एक बार फिर खरा साबित कर दिया है। यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि मां भगवती के साक्षात चमत्कार की गूंज है, जिसने हर किसी को भाव-विभोर कर दिया है।

ये बड़ा चमत्कार हुआ पंजाब के होशियारपुर से दर्शन के लिए आए भक्त सूरज के साथ। 28 साल… ये वो लंबा समय था जब सूरज की दुनिया खामोश थी। वह जन्म से ही न सुन सकते थे और न बोल सकते थे।

परिवार के लिए यह नियति थी, पर उनका विश्वास नहीं डिगा। जब यह परिवार सूरज को लेकर मां चिंतपूर्णी के चरणों में माथा टेकने पहुंचा, तो किसी को अंदाजा नहीं था कि उनके जीवन का सबसे बड़ा वरदान यहीं प्रतीक्षा कर रहा है।

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मंदिर के गर्भगृह से दर्शन कर जब सूरज आगे बढ़ रहे थे, तभी पीछे से किसी ने उन्हें पुकारा। 28 साल से बहरे सूरज ने पहली बार ये आवाज सुनी।

तत्काल मंदिर के पुजारी ने उन्हें माता का चरणामृत और आशीर्वाद स्वरूप चुन्नी प्रदान की। यह पल ही दिव्य शक्ति के संचार का माध्यम बना। बताया जा रहा है कि चरणामृत ग्रहण करने के कुछ ही क्षणों में सूरज के कानों में एक अद्भुत झुनझुनी महसूस हुई। और फिर जो हुआ, उसने सभी को अचंभित कर दिया। सदियों से मौन सूरज का कंठ खुला और वह बोल उठे।

इस अलौकिक घटना को देखकर मंदिर में मौजूद हर श्रद्धालु की आंखें श्रद्धा और आनंद के आंसुओं से भर गईं। पूरा परिसर ‘जय मां चिंतपूर्णी’ के उद्घोषों से गूंज उठा।

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सूरज का परिवार इस कृपा को मां की असीम शक्ति और चमत्कारिक आशीर्वाद मान रहा है। उन्होंने कहा, “आज हमारी 28 साल की तपस्या सफल हुई। यह सिर्फ मां का चमत्कार है।