9 महीने 14 दिन बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स, फ्लोरिडा के तट पर पानी में सॉफ्ट लैंडिंग

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अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अन्य दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के जरिए पृथ्वी पर लौट आए हैं. उनके ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर पानी में सॉफ्ट लैंडिंग हुई.

बीते साल 5 जून को महज 8 दिन के लिए सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर गए थे, जिन्हें धरती पर लौटने में 9 माह 14 दिन का वक्त लग गया. इसकी मुख्य वजह ये थी कि बोइंग का जो स्टारलाइनर यान उन्हें वापस धरती पर लाने वाला था, वो खराब हो गया था. इसलिए उन्हें इतना लंबा इंतजार करना पड़ा.

आखिरकार एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित रूप से उतारा गया. वापसी के दौरान सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के साथ क्रू-9 के दो अन्य एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी सुरक्षित वापस लौटे हैं.

नासा ने कहा कि मिशन पूरी तरह सफल रहा. नासा ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की लैंडिंग को शानदार बताया. नासा ने कहा कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 150 से ज्यादा प्रयोग किए. यह आने वाले समय में मानवता के लिए बड़े काम आएंगे.

स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में 17 घंटे लगे
ड्रैगन कैप्सूल के अलग होने से लेकर समुद्र में लैंडिंग तक करीब 17 घंटे लगे. 18 मार्च को सुबह 08:35 बजे स्पेसक्राफ्ट का हैच हुआ, यानी दरवाजा बंद हुआ. 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग हुआ.

19 मार्च को रात 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू हुआ. यानी, कक्षा से उल्टी दिशा में स्पेसक्राफ्ट का इंजन फायर किया गया. इससे स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी के वातावरण में एंट्री हुई और सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैंडिंग हुई. सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी के बाद भारत में भी उनके पैतृक गांव मेहसाणा (गुजरात) में जश्न का माहौल है. पटाखे फोड़े जा रहे हैं. इससे पहले उनके सकुशल लौटने के लिए पूजा अर्चना की जा रही थी. विशेष प्रार्थनाओं का दौरा जारी रहा.

वहीं, दुनियाभर की निगाहें एस्ट्रनॉट्स के धरती पर सकुशल लौटने पर टिकी थीं. सबसे पहले क्रू कमांडर निक हेग को बाहर लाया गया. इसके बाद अलेक्जेंडर गोरबुनोव, सुनीता विलियम्स और आखिर में बुच विल्मोर बाहर आए.

अंतरिक्ष से लौटने के बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथियों को स्ट्रेचर पर ले जाया गया. यह एक तरह की प्रोटोकॉल होता है, जिसे हर अंतरिक्ष यात्री को पालन करना होता है. इसकी वजह यह है कि स्पेस से लौट के बाद अंतरिक्ष यात्री तुरंत चल नहीं पाते हैं. उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. ऐसे में नासा इसे लेकर सख्त सुरक्षा प्रक्रियाएं अपनाता है.