
शिमला : जिला स्तरीय एनकॉर्ड नार्को समन्वय केंद्र की बैठक डीसी अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित की गई। इस बैठक में फैसला लिया गया कि सभी पुलिस अधिकारी जिला के सभी शिक्षण संस्थानों में नवंबर माह के दौरान नशे को लेकर जागरूकता अभियान चलाएंगे।
शिक्षण संस्थान में पुलिस अधिकारी को वर्दी में ही बच्चों को संबोधित करना होगा। बिना वर्दी के बच्चों को नशे के बारे में जागरूक करने के लिए पूर्ण रूप से मनाही रहेगी। डीसी ने कहा कि पुलिस का फील्ड स्टाफ जब भी समय मिले तो नजदीकी शिक्षण संस्थानों में नशे के बारे में बच्चों को जागरूक करे।
डीसी ने निर्देश दिए कि शिक्षण संस्थानों, पंचायत स्तर पर काम करने वाली एनजीओ को अब उपायुक्त कार्यालय से अनुमति लेनी होगी। जिला उपायुक्त कार्यालय की अनुमति के बाद ही कोई भी एनजीओ शिक्षण संस्थानों एवं सरकारी अधिकार क्षेत्र में कार्य कर पाएगी। इसे लेकर सभी उपमंडल दंडाधिकारियों को यह निर्देश जारी कर दिए हैं।
बैठक में मामला रखा गया कि बहुत सी एनजीओ धरातल पर प्रभावी तरीके से कार्य कर नहीं रही हैं। बैठक में जन प्रतिनिधियों के सहयोग से पंचायत स्तर तक नशे के खिलाफ सूचना तंत्र बनाने की दिशा में पुलिस ने 90 फीसदी कार्य पूर्ण कर लिया है। पुलिस के पास स्थानीय जन प्रतिनिधियों के सहयोग से सूचनाएं मिल रही है। इसके अतिरिक्त अवैध भांग की खेती पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने ड्रोन की सहायता लेना शुरू कर दिया है।
बिना पर्ची के न दें सीरिंज
डीसी अनुपम कश्यप ने जिला के सभी मेडिकल स्टोर संचालकों से अपील की कि बिना पर्ची के किसी भी व्यक्ति को कोई सीरिंज की बिक्री न करें। आज नशे के लिए इसका प्रयोग व्यापक स्तर पर हो रहा है। ऐसे में मेडिकल स्टोर अस्पताल की पर्ची में सीरिंज का जिक्र हो तो उसके बाद ही इसकी बिक्री करें। वहीं जिन्हें सीरिंज दे रहे हैं, उनके पहचान पत्र की प्रतिलिपि लेकर रिकार्ड में रखें।






