
कांगड़ा : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) हिमाचल प्रदेश के 46वें प्रांत अधिवेशन का शुक्रवार को कांगड़ा जिले के गुप्त गंगा परिसर में भव्य शुभारंभ हुआ। इस दौरान प्रदेश भर से जुटे 500 से अधिक कार्यकर्ताओं ने ‘नई ऊर्जा एवं जोश’ के साथ राष्ट्र और व्यक्तित्व निर्माण के लिए काम करने का संकल्प लिया।
अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने छात्र शक्ति को राष्ट्र का भविष्य बताते हुए सामाजिक समरसता और देश हित के कार्यों में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।
प्रांत अध्यक्ष डॉ. राकेश शर्मा ने संगठन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि एबीवीपी राष्ट्र निर्माण के साथ-साथ व्यक्तित्व निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका निभा रही है।
उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन संघ शताब्दी वर्ष के उल्लासपूर्ण माहौल में हो रहा है और एबीवीपी इस देश को मजबूती देने के लिए निरंतर संगठन का काम मजबूत करने में जुटा है।
मुख्य अतिथि सुदेश कुमार यादव ने कहा कि आज अधिवेशन में इकट्ठा हुई छात्र शक्ति ही देश के आने वाले कल का भविष्य है। उन्होंने युवाओं से देश हित के कार्य जैसे पर्यावरण संरक्षण में लगने और अपने अंदर ‘स्व का भाव’ भरने का काम करने को कहा।
विशिष्ट अतिथि अशोक कुमार ने सामाजिक समरसता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में रह गईं कमियों को पूरा करने के लिए संघ निरंतर काम करता आया है और इसके लिए ‘पंच परिवर्तन’ समाज में लागू होने चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सामाजिक समरसता एक जरूरी परिवर्तन है और युवा शक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी कारण से समाज बंटना नहीं चाहिए।
प्रांत मंत्री नैंसी अटल ने कहा कि पूरे प्रदेश से आए कार्यकर्ता भारत मां के चरणों में नतमस्तक होकर अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद युवाओं के अंदर राष्ट्रीयता की भावना को भरता आया है।
अभाविप राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. प्रदीप कुमार ने अधिवेशन के स्थान को धार्मिक बताते हुए कहा कि युवाओं के अंदर देश के लिए राष्ट्रीयता की भावना भरने और कुछ अच्छा कर गुजरने के लिए ही एबीवीपी की स्थापना हुई थी। यह दो दिवसीय अधिवेशन प्रदेश में एबीवीपी की भावी रणनीति और कार्ययोजना की दिशा तय करेगा।






