नाहन : राजधानी शिमला को जोड़ने वाले नाहन-कुमारहट्टी नेशनल हाईवे-907ए पर जल्द सफर आरामदायक और सुगम हो जाएगा।
दरअसल, कुमारहट्टी से बनेठी तक 58 किलोमीटर लंबे इस महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे को सुधारने के लिए 32 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जिसके तहत टारिंग का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है।
ये कार्य कुमारहट्टी से नाहन की ओर शुरू हुआ है और इसे परफॉर्मेंस बेस्ड मैंटेनेंस कांट्रेक्ट (पी.बी.एम.सी.) के तहत अंजाम दिया जा रहा है। 5 साल तक इसकी देखरेख की सारी जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होगी।
टारिंग के साथ-साथ इस नेशनल हाईवे पर डंगे लगाकर सड़क को मजबूती दी जा रही है, पानी की उचित निकासी के लिए नालियां बनाई जा रही हैं और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर क्रैश बैरियर भी लगाए जा रहे हैं। इन सभी कार्यों के लिए अलग-अलग मदों में बजट खर्च किया जा रहा है।
बता दें कि नेशनल हाईवे की हालत पिछले कुछ समय से काफी खराब हो चुकी है। इस कारण वाहन चालकों समेत यात्रियों को भारी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बरसात में एनएच की स्थिति और भी पतली हो गई।
बारिश के दौरान भूस्खलन से सड़क को भारी नुक्सान हुआ। सड़क पर जगह-जगह उखड़ी टारिंग के चलते नाहन से राजधानी शिमला पहुंचने में भी यात्रियों को अधिक वक्त लग रहा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस एनएच पर हुए टारिंग कार्य पर कई सवाल भी उठे थे। टारिंग के दौरान ही सड़क पर दरारें दिखनी शुरू हो गई थी। इसके बाद दरारें भरने के लिए दोबारा पैच वर्क भी किए गए, लेकिन टारिंग में आई दरारें नहीं रुकी।
इसकी मुख्य वजह ये रही कि टारिंग करने से पहले अच्छी तरह सड़क को खुरदरा नहीं किया गया। इससे पुरानी सड़क पर नई टारिंग नहीं टिकी और मोटी दरारें आ गईं। नाहन से दोसड़का तक अधिक स्थानों पर यही हाल रहा। इस वजह से आज भी ये सड़क पैच वर्क से भरी पड़ी है।
काफी समय बाद दोबारा सड़क का टारिंग कार्य शुरू हो चुका है। लोगों का कहना है कि विभाग टारिंग कार्य के दौरान इसकी गुणवत्ता की बारीकी से निगरानी करे। ताकि, लंबे समय तक सड़क पर सफर आरामदायक रह सके।
उधर, नेशनल हाईवे के अधिषासी अभियंता ई. राकेश खंडूजा ने बताया कि कुमारहट्टी से नाहन की तरफ टारिंग का कार्य शुरू हो चुका है। अभी फिलहाल बनेठी तक 58 किलोमीटर लंबे एनएच पर इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
बनेठी से लेकर नाहन तक अगले वर्ष टारिंग समेत अन्य कार्य किए जाएंगे। विभाग के अधिकारी सड़क की टारिंग की गुणवत्ता की लगातार निगरानी कर रहे हैं। सड़क की टारिंग समेत अन्य निर्माण कार्यों का जिम्मा संबंधित ठेकेदार का है।






