शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को शिमला में लिफ्ट के समीप ‘हिमाचल हाट’ की आधारशिला रखी। दो करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाला यह हिमाचल हाट प्रमाणिक हिमाचली उत्पादों को प्रदर्शित करने वाला एक जीवंत बाजार होगा। साथ ही हिम ईरा ब्रांड के तहत ग्रामीण उद्यमियों, विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों की आय, पहचान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।
हिमाचल हाट को 24-25 दुकानों वाले एक आधुनिक तन्य संरचना के रूप में विकसित किया जाएगा। यह हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों के स्वयं सहायता समूहों को आवंटित की जाएगी। यहां ग्रामीण कला और शिल्प, हथकरघा, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों और पारंपरिक हिमाचली व्यंजनों को एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे, जिससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए एक स्थायी विपणन और आजीविका मंच उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों का हिम ईरा ब्रांड के तहत विपणन द्वारा सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन उत्पादों की बिक्री से स्वयं सहायता समूहों को पहले ही 25 लाख रुपये की आय हो चुकी है, जिसके आने वाले समय में काफी बढ़ने की उम्मीद है। सरकार ने स्वयं सहायता समूहों को फूड वैन भी उपलब्ध करवाई हैं, जिससे उन्हें लगभग 50,000 रुपये प्रति माह की आय हो रही है और जल्द ही 60 अतिरिक्त फूड वैन वितरित करने की योजना है।
राज्य सरकार शिमला में लोगों के लिए सुविधाओं के उन्नयन के दृष्टिगत काम कर रही है, जिसमें विद्युत लाइनों को भूमिगत करने के लिए 145 करोड़ रुपये की लागत से एक यूटिलिटी डक्ट का निर्माण भी शामिल है। शहर में चौबीसों घंटे पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।
यातायात की भीड़भाड़ को कम करने के लिए सर्कुलर रोड को डबल-लेन में बदलने का कार्य भी प्रगति पर है। राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है और इन प्रयासों के परिणाम जल्द ही जनता के सामने आएंगे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल हाट ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के मुख्यमंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह हाट 4,000 वर्ग फुट क्षेत्र में विकसित किया जाएगा और इसे आठ माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के लिए महापौर सुरेंद्र चौहान और नगर निगम शिमला का भी आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा और सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरेंद्र कंवर, सचिव राजेश शर्मा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के निदेशक राघव शर्मा, एसआरएलएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिवम प्रताप सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य उपस्थित रहे।






