प्रदेश के 12 आयुर्वेदिक अस्पतालों में शुरू होंगे पंचकर्मा तकनीशियन पाठयक्रम, 252 छात्रों को मिलेगा प्रवेश

इनमें बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सोलन, ऊना और नाहन स्थित जिला आयुर्वेदिक अस्पताल, साथ ही नालागढ़, देहरा और रामपुर स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में 16-16 सीटें हैं।

0

शिमला : हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने केरल राज्य की तर्ज पर पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में प्रशिक्षण के अवसरों का विस्तार करने का निर्णय लिया है।

आयुष विभाग अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य भर के 12 आयुर्वेदिक अस्पतालों में एक वर्षीय पंचकर्मा तकनीशियन पाठययक्रम शुरू करेगा, जिसमें 252 छात्रों को प्रवेश मिलेगा।

वर्तमान में प्रदेश में इस पाठयक्रम के लिए केवल 36 सीटें उपलब्ध हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशों के बाद विभाग अब कुल प्रवेश क्षमता को बढ़ाकर 252 सीटें करेगा, जिससे बढ़ते स्वास्थ्य क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

ये भी पढ़ें:  Himachal : इस जिले में आलू प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करेगी "सरकार", खर्च होंगे 20 करोड़

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल पपरोला (कांगड़ा) और क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अस्पताल छोटा शिमला में वर्तमान में पंचकर्मा तकनीशियन पाठययक्रम में 18-18 सीटें हैं।

नई विस्तार योजना के तहत पपरोला में प्रवेश क्षमता बढ़ाकर 36 और छोटा शिमला में 24 कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त आगामी शैक्षणिक सत्र से 12 नए संस्थान यह पाठयक्रम शुरू करेंगे।

इनमें बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सोलन, ऊना और नाहन स्थित जिला आयुर्वेदिक अस्पताल, साथ ही नालागढ़, देहरा और रामपुर स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में 16-16 सीटें हैं।

सरकार का लक्ष्य समग्र स्वास्थ्य सेवा की बढ़ती मांग को पूरा करने और हिमाचल प्रदेश को एक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए राज्य में कुशल पंचकर्मा तकनीशियनों का एक समूह विकसित करना है।

ये भी पढ़ें:  आस्था का केंद्र : नाहन का कालीस्थान मंदिर, जहां बलि की प्रथा का हुआ था अंत, जानें 400 साल का इतिहास

प्रवक्ता नेे कहा कि प्रदेश पंचकर्मा प्रक्रियाओं में प्रयुक्त की जाने वाली प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से समृद्ध है। मुख्यमंत्री ने विभाग को छात्रों की संख्या बढ़ाने और स्वास्थ्य पर्यटन क्षेत्र में अवसरों का पूरा लाभ उठाने के निर्देश दिए हैं।