SFI शिमला सम्मेलन : विवेक को जिला अध्यक्ष, पवन को सचिव का दायित्व, शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर घेरी सरकार

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शिमला : SFI शिमला जिला का दो दिवसीय सम्मेलन नई जिला कमेटी के चुनाव के साथ संपन्न हुआ। कालीवाड़ी हॉल शिमला में आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन SFI हिमाचल प्रदेश राज्य सचिव कॉमरेड सनी सेकटा ने किया।

सम्मेलन में 35 सदस्यीय जिला कमेटी का चुनाव किया गया, जिसमें कॉमरेड विवेक ठाकुर को जिला अध्यक्ष और कॉमरेड पवन कुमार को जिला सचिव की कमान सौंपी गई।

इस सम्मेलन में 5 उपाध्यक्ष और 5 सहसचिव चुने गए, जिसमें उपाध्यक्ष कॉमरेड अखिल मांटा, अदिति, रेणुका, राहुल व विद्यार्थी और सह सचिव विवेक बिरसांटा, पूजा, तिलक राज, कृतिका व अंशुल मिन्हास को चुना गया।

इसके अलावा सम्मेलन में कॉमरेड अंकित, प्रवेश, स्नेहा, कुशल राणा, सौरभ, वंशिका शर्मा, लवली, मीना राम, प्रियांशु, हिमांशु, सुमित, दीक्षित, काश्वी, अनुष्का, पीयूष, अंकुश, महल इत्यादि को जिला कमेटी में बतौर सदस्य चुना गया।

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SFI शिमला जिला सम्मेलन में मुख्य रूप से प्रदेश में स्कूल बंदी के खिलाफ, PTA फंड के नाम पर छात्रों की खुली लूट, छात्रों को बस सुविधा, अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने, प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा रिवल्युवेशन और रि-अपीयर के छात्रों की खुली लूट के खिलाफ गहन चिंतन किया गया।

‎वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सार्वजनिक शिक्षा के ढांचे को कमजोर किया जा रहा है। गांव के स्कूलों को बंद करना, स्कूलों को मर्ज करना, निरंतर छात्रों को शिक्षा से दूर करने का काम सरकार कर रही है।

535 स्कूलों को मर्ज व 818 स्कूलों को प्रदेश के अंदर बंद कर दिया गया है। यही नहीं NEP की वजह से लगातार शिक्षा को महंगा किया जा रहा है। साफ तौर पर केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा जिसे कहीं न कहीं आरएसएस द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है कि विचारधारा को देश के अंदर लागू करने की साजिश देश के अंदर चल रही है।

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‎साथ में हिमाचल प्रदेश में अकादमिक भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है। ERP सिस्टम को छात्रों पर थोपा जा रहा है। हजारों छात्रों के परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की जा रही है और मूल्यांकन व पुन: मूल्यांकन के जरिए लाखों रुपया इकट्ठा किया जा रहा है। कॉलेजों में PTA फंड के नाम पर लाखों की लूट की जा रही है।

जिला अध्यक्ष और सचिव ने कहा कि सम्मेलन में शिक्षण संस्थानों में छात्रों के जनवादी अधिकारों पर बढ़ते हमलों पर चर्चा की गई। प्रदेश सरकार छात्रों के जनवादी अधिकार छात्र संघ चुनाव पर लगातार 12 वर्षों से प्रतिबंध लगाए हुए हैं।

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छात्रों को कोई मंच प्रदान नहीं है। छात्र को अपनी समस्याएं उजागर करने तक के लिए कोई लोकतांत्रिक मंच नहीं है। सम्मेलन में प्रदेश में बढ़ते अकादमिक भ्रष्टाचार पर रोक व सार्वजनिक शिक्षा को बचाने के लिए प्रस्ताव रखे गए।

इस दौरान हिमाचल प्रदेश में बढ़ती सांप्रदायिकता के खिलाफ प्रस्ताव रखा गया। निर्णय लिया गया कि सार्वजनिक शिक्षा पर हो रहे हमलों के खिलाफ एसएफआई प्रदेश में आंदोलन को मजबूत करेगी।