20 मई के बाद दक्षिण भारत की मंडियों में एंट्री करेगा सिरमौरी लहसुन, जानें अभी क्या मिल रहे रेट

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में करीब 4,200 हेक्टेयर भूमि पर इसकी पैदावार की जा रही है, जो प्रदेश में सर्वाधिक है। जिला सिरमौर में ही लहसुन का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है।

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नाहन : जिला सिरमौर की प्रमुख व्यावसायिक फसल लहसुन की खोदाई का कार्य शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में करीब 4,200 हेक्टेयर भूमि पर इसकी पैदावार की जा रही है, जो प्रदेश में सर्वाधिक है। जिला सिरमौर में ही लहसुन का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है।

जिले में उगाई जाने वाली इस फसल की दक्षिण भारत की मंडियों में सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। 20 मई के बाद इस फसल के तमिलनाडु, चेन्नई, आंध्रपदेश और कर्नाटका आदि मंडियों में पहुंचने की उम्मीद है। इसके साथ साथ दिल्ली की मंडियों में भी सिरमौरी लहसुन की आमद ज्यादा रहती है।

मौजूदा समय में इस फसल के 50 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम रेट मिल रहे हैं। किसानों को अभी इसके दाम बढ़ने का इंतजार है। इस बार भी जिले में इस नकदी फसल का भारी मात्रा में उत्पादन किया गया है, लेकिन पिछले एक हफ्ते से लगातार खराब चल रहे मौसम ने फसल की खोदाई का कार्य प्रभावित किया। दो दिन से मौसम साफ बना हुआ है।

जिला सिरमौर में गिरिपार इलाके के नौहराधार, हरिपुरधार, राजगढ़, लानाचेता, संगड़ाह, शिलाई, कफोटा के अलावा सैनधार और पच्छाद के कई इलाकों में भी इस फसल उत्पादन किया गया है।

खेतों से फसल निकालने का कार्य पूरा होते ही किसान इसे सुखाने और ग्रेडिंग का काम करेंगे। इसके बाद रेट के अनुसार किसान इस फसल को बेचेंगे। कई किसानों ने आढ़तियों से रेट को लेकर संपर्क साधना शुरू कर दिया है।

मंडियों में दूसरे राज्यों से भी पहुंच रहा लहसुन
पिछले साल लहसुन के अच्छे दामों के चलते इस मर्तबा हिमाचल ही नहीं हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में भी लहसुन का भारी उत्पादन किया गया है। बाहरी राज्यों का लहसुन मंडियों में पहुंचना शुरू हो गया है।

इस वजह से भी अभी हिमाचल के लहसुन की डिमांड अभी कम है। मई माह के अंत तक जिला सिरमौर के लहसुन की डिमांड और रेट बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है। सिरमौर का लहसुन अपनी अलग पहचान के लिए देश भर में प्रसिद्ध है।

जिला सिरमौर के लहसुन विक्रेता एवं आढ़ती कुलदीप राजवाड़ा और रविंद्र सिंह ने बताया कि इन दिनों सिरमौर जिला में लहसुन का रेट 50 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। सी ग्रेड का लहसुन 60 से 65 रुपये प्रति किलोग्राम, बी ग्रेड का लहसुन 70 से 80 रुपये किलो और ए ग्रेड का लहसुन 80 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदा जा रहा है।

इसके साथ साथ ट्रिपल ए यानी सुपर क्वालिटी का लहसुन 100 से रुपये चल रहा है। जबकि बारीक लहसुन 40-50 रुपये किलोग्राम और खिला हुआ लहसुन 30 रुपये किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा है। गत वर्ष मई व जून में लहसुन के दाम 100 से 130 रुपये तक मिल रहे थे। जबकि गत वर्ष सितंबर माह में 250 से 300 रुपये किलोग्राम तक लहसुन की खरीद की गई थी।

इस तरीके से होती है ग्रेडिंग
लहसुन की खरीद हाथ से की जाने वाली ग्रेडिंग से होती थी। अब भी कई जगह किसान हाथों से खुद लहसुन का ग्रेड तैयार करते हैं। इसके साथ साथ अब मंडियों में ग्रेडिंग मशीनें भी सरकार ने स्थापित की हैं। सिरमौर के नौहराधार में भी ग्रेडिंग मशीन लगाई गई है। ग्रेडिंग में ट्रिपल ए को सुपर लहसुन का नाम दिया गया है। जबकि, इससे नीचे की ग्रेडिंग में ए वन यानी डबल ए, फिर मीडियम और गोली सबसे निचले स्तर का लहसुन है।