बिजली बोर्ड के निजीकरण पर पांवटा साहिब में बिजली पंचायत, रैली निकाल सीएम को भेजा ज्ञापन

जेएसी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समस्याओं पर चर्चा और समाधान नहीं किया, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।

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पांवटा साहिब : राज्य बिजली बोर्ड के अस्तित्व को बचाने और कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर मंगलवार को पांवटा साहिब में आयोजित बिजली पंचायत में जिला सिरमौर से सैकड़ों बिजली कर्मचारी, अभियंता, पेंशन और आउटसोर्स कर्मी शामिल हुए। इस बिजली पंचायत आयोजन ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) के नेतृत्व में किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जेएसी के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने की। उन्होंने कहा कि यह छठी जिला स्तरीय बिजली पंचायत है। इससे पहले पांच जिलों में इस तरह की पंचायतें आयोजित की जा चुकी हैं।

पंचायत में कुलदीप सिंह खरवाड़ा, सतीश गुप्ता, कामेश्वर शर्मा, ई. दीपक चौहान, सुंदर जेस्टू, झाबा राम शर्मा, प्रशांत शर्मा, भगवान दास, सुनील कुमार, निर्मल सिंह, कमलेश पुंडीर, तरसेम सैंगी और इम्तियाज हाशमी जैसे कई वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस दौरान प्रतिनिधियों ने बिजली बोर्ड के निजीकरण पर गहरी चिंता जताई।

जेएसी ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों ने बिजली बोर्ड को गहरे संकट में डाल दिया है। यदि इन नीतियों पर पुनर्विचार नहीं हुआ, तो बोर्ड का निजीकरण तय है। उन्होंने कहा कि निजीकरण से कर्मचारियों की सेवा शर्तें, सामाजिक सुरक्षा और पेंशन प्रभावित होंगी। वहीं आम उपभोक्ताओं को महंगी बिजली और कमजोर सेवाओं का सामना करना पड़ेगा।

पंचायत को संबोधित करते हुए हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की भारी कमी है। सरकार नई भर्तियों की जगह पदों को खत्म कर कर्मचारियों को अन्य विभागों में भेज रही है। उन्होंने पैरा टीमेट की भर्ती प्रक्रिया को रोकने और इन्हें कांट्रैक्ट या दैनिक वेतन पर भरने की मांग की। साथ ही मई 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की भी मांग उठाई गई।

वर्मा ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि पेंशनरों की बकाया पेंशन, लीव इन कैशमेंट और ग्रेच्युटी दो साल से अटकी है। इसकी तुरंत अदायगी होनी चाहिए। इसके अलावा आउटसोर्स कर्मियों को स्थायी करने की मांग भी पंचायत में जोरशोर से उठाई गई।

जेएसी ने बिजली की खरीद-फरोख्त का जिम्मा एनर्जी मैनेजमेंट एजेंसी को देने का विरोध किया। उनका कहना है कि इससे दरें बढ़ेंगी और बिजली प्रबंधन बिगड़ेगा। लिहाजा, बिजली खरीद का ठेका रद्द करने की मांग की गई।

बिजली पंचायत के बाद बोर्ड कर्मचारियों ने पांवटा साहिब में रैली भी निकाली और एसडीएम के माध्यम से अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा। जेएसी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समस्याओं पर चर्चा और समाधान नहीं किया, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके लिए पहले ही नोटिस दिया जा चुका है।