शिमला : प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत जिला कार्यान्वयन समिति की बैठक डीसी अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस दौरान योजना के क्रियान्वयन की प्रगति, लक्ष्यों की प्राप्ति और लाभार्थियों तक योजना की जानकारी पहुंचाने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान जिला से 222 आवेदनों को अनुमोदन प्रदान किया गया है।
डीसी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि योजना के अंतर्गत चिन्हित पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समय पर लाभ प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प एवं कारीगर समुदायों को सशक्त बनाना है, जिसमें उन्हें प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, उपकरण और विपणन सहयोग प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना एक केंद्रीय योजना है, जिसे पारंपरिक उपकरणों के साथ काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को व्यापक सहायता प्रदान की जाती है।
इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य कौशल विकास और आधुनिक तकनीक प्रदान करके भारत के पारंपरिक कला रूपों को बदलना है। योजना के तहत 3 लाख रुपये तक के ‘उद्यम विकास ऋण’ ऋण 5 प्रतिशत के रियायती ब्याज दर पर दिए जाते हैं।
इसलिए होते हैं आवेदन अस्वीकार
योजना के तहत आवेदनकर्ता के गलत बैंकिंग विवरण के चलते आवेदन को अस्वीकार किया जाता है। उन्होंने जिला के सभी लोगों से आग्रह किया है कि योजना के तहत आवेदनकर्ता सही बैंकिंग विवरण उपलब्ध करवाएं, ताकि सरकारी योजनाओं से उन्हें वंचित न रहना पड़े। बैठक में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कुलवंत राय, अग्रणी जिला प्रबंधक संजय कंवर सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।