प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के पंजीकरण में बिलासपुर अव्वल, प्रदेश सहित उत्तरी भारत में हासिल किया शीर्ष स्थान

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य गर्भवती और धात्री महिलाओं को बेहतर पोषण और स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध करवाना है। योजना के अंतर्गत पहले दो बच्चों तक का लाभ दिया जाता है, जिसमें दूसरे बच्चे का लाभ तभी दिया जाएगा जब वह कन्या हो।

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बिलासपुर :प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत 15 जुलाई से 15 अगस्त तक आयोजित विशेष लाभार्थी पंजीकरण अभियान में बिलासपुर जिला ने ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।

एक माह लंबे अभियान के दौरान बिलासपुर ने 249 प्रतिशत पंजीकरण कर न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे उत्तरी भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया। यह जानकारी डीसी बिलासपुर राहुल कुमार ने दी।

उन्होंने कहा कि यह सफलता जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सामूहिक मेहनत और टीम भावना का परिणाम है। पात्र गर्भवती और धात्री महिलाओं की पहचान कर उन्हें योजना से जोड़ने का कार्य व्यवस्थित रूप से किया गया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, पर्यवेक्षक, बाल विकास परियोजना अधिकारी और महिला एवं बाल विकास विभाग की पूरी टीम ने अथक परिश्रम से इस उपलब्धि को सुनिश्चित किया।

डीसी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा और उनकी टीम को विशेष बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि बिलासपुर जिले के लिए गर्व की बात है और अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत भी है।

इस विशेष अभियान की प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में बिलासपुर पहले स्थान पर रहा, जबकि सिरमौर, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, मंडी, सोलन, किन्नौर, शिमला तथा लाहौल-स्पीति क्रमशः अन्य स्थानों पर रहे। वहीं, देशभर के 766 जिलों की रैंकिंग में बिलासपुर ने 26वां स्थान हासिल किया, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का उद्देश्य गर्भवती और धात्री महिलाओं को बेहतर पोषण और स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध करवाना है। योजना के अंतर्गत पहले दो बच्चों तक का लाभ दिया जाता है, जिसमें दूसरे बच्चे का लाभ तभी दिया जाएगा जब वह कन्या हो।

इस योजना में गर्भधारण का पंजीकरण एलएमपी की तिथि से छह माह के भीतर करवाने और कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच पूर्ण करने पर 3 हजार रूपए की पहली किस्त दी जाती है। बच्चे का जन्म पंजीकरण और बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हैप्टाइटिस-बी या समकक्ष टीकाकरण का पहला चक्र पूर्ण करने पर 2 हजार रूपए की दूसरी किस्त दी जाती है।

वहीं, दूसरे बच्चे के लिए यदि वह लड़की हो तो शर्तें पूरी करने पर 6 हजार रूपए की एकमुश्त राशि लाभार्थी के खाते में जमा की जाती है। इस प्रकार योजना के अंतर्गत पात्र महिला को औसतन 11 हजार रूपए की राशि का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है।