
नाहन : पड़ोसी राज्य उत्तराखंड, हरियाणा और चंडीगढ़ को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-07 पर सफर खतरों के खेल से कम नहीं है। विशेषकर सैनवाला से कालाअंब तक हाईवे की बेहद खराब हालत यात्रियों और वाहन चालकों के लिए जी का जंजाल बन गई है।
यह हाईवे न केवल यात्रियों के लिए बल्कि पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब, जिला मुख्यालय नाहन और गुरू की नगरी पांवटा साहिब के साथ-साथ देहरादून को जोड़ने वाले इस हाईवे पर रोजाना हजारों की संख्या में वाहन गुजरते हैं। इस महत्वपूर्ण सड़क की ऐसी दयनीय स्थिति पर्यटन कारोबार पर भी बुरा प्रभाव डाल रही है।
हैरानी की बात यह है कि बरसात के बाद भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने इसकी मरम्मत का काम शुरू नहीं किया है, जबकि हर वर्ष इस समय तक पैच वर्क का काम शुरू हो जाता था।
आंबवाला सैनवाला पंचायत के प्रधान संदीपक तोमर, दीपक कुमार, राघव और हरपाल सिंह आदि ने बताया कि इस हाईवे की हालत किसी से नहीं छिपी है। कालाअंब से लेकर सैनवाला तक गड्ढों की भरमार से गाड़ियों को नुकसान हो रहा है तो धूल मिट्टी के गुबार स्थानीय लोगों के साथ साथ यात्रियों और दो पहिया वाहन चालकों के लिए भारी परेशानी का सबब बन रहे हैं।
इस बार भारी बरसात ने इस हाईवे को बुरी तरह खस्ताहाल कर दिया है, जिससे हर समय हादसे का खतरा बना हुआ है। हाईवे की मौजूदा हालत किसी संपर्क मार्ग से कम नहीं लग रही। उन्होंने विभाग से जल्द इसकी हालत सुधारने की मांग की।
उधर, नेशनल हाईवे के अधिशासी अभियंता ई. राकेश खंडूजा ने बताया कि क्षतिग्रस्त सड़क की पूरी तरह से मेटलिंग करने के लिए एस्टीमेट भेजा गया है। उन्होंने कहा कि यदि एस्टीमेट को मंजूरी मिलने में किसी भी तरह की देरी होती है, तो पैच वर्क (गड्ढे भरने) का कार्य तत्काल शुरू किया जाएगा, ताकि लोगों को हो रही परेशानी को कम किया जा सके।





