
मंडी : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को जिला मंडी के लाल बहादुर शास्त्री राजकीय मेडिकल कॉलेज नेरचौक के कार्यक्रम आईआरआईएस 2025 की अध्यक्षता की। इस मौके पर सीएम ने नेरचौक मेडिकल कॉलेज में इसी वर्ष रोबोटिक सर्जरी शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा कि यहां एमआरआई मशीन लगाने के लिए 28 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसे दो माह में स्थापित कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नेरचौक में कैथ लैब के लिए राज्य सरकार ने 12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं, जिसमें से 9 करोड़ रुपये दे दिए गए हैं। जल्द ही सभी मेडिकल कॉलेजों में एम्स, दिल्ली की तर्ज पर एक ही ब्लड सैंपल से 100 टेस्ट किए जाएंगे। स्मार्ट डायग्नोस्टिक लैब के लिए 75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने प्रदेश का खजाना लुटाया। अगर यह पैसा पिछली सरकार सही इस्तेमाल करती, तो आज स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होतीं। उन्होंने कहा कि जब देश-विदेश में हिमाचल के डॉक्टर मिलते हैं तो सुखद एहसास होता है। हमारे डॉक्टर प्रतिभाशाली हैं, लेकिन पुरानी तकनीक के कारण उन्हें मरीजों के इलाज में परेशानी आती है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में टेक्नीशियन की कमी दूर करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाई गई हैं। इसके अतिरिक्त डिपार्टमेंट ऑफ ईमरजेंसी मेडिसिन में 38 पद स्वीकृत किए गए हैं। वर्तमान सरकार को प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों की खराब हालत विरासत में मिली, लेकिन आज एम्स स्तर की तकनीक मेडिकल कॉलेजों में लाई जा रही है।
सीएम ने कहा कि शिमला चमियाणा अस्पताल और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी शुरू कर दी गई है, जहां 45 ऑपरेशन रोबोट के माध्यम से हुए हैं।
8.37 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की दी सौगात
मुख्यमंत्री ने मंडी ज़िला के नेरचौक स्थित लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में 8.37 करोड़ रुपये की पांच परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास किए। उन्होंने 5.98 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले छात्र छात्रावास की आधारशिला रखी।
उन्होंने चिकित्सा महाविद्यालय में 80 लाख रुपये की लागत से निर्मित राज्य प्रसूति प्रशिक्षण संस्थान एवं कौशल प्रयोगशाला, 6 लाख रुपये की लागत से निर्मित पोषण पुनर्वास केंद्र, 76 लाख रुपये की लागत से निर्मित व्यापक स्तनपान प्रबंधन केंद्र और 23 लाख रुपये की लागत से निर्मित एंडोस्कोपी इकाई का भी उद्घाटन किया।






