पांवटा साहिब : आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन ने राष्ट्रीय आह्वान के तहत आज प्रोजेक्ट पांवटा साहिब में आंगनबाड़ी केंद्रों की गंभीर समस्याओं को उठाते हुए एसडीएम को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के नाम एक विस्तृत मांग-पत्र सौंपा।
प्रोजेक्ट अध्यक्ष इंदु तोमर, महासचिव देव कुमारी, और जिला कमेटी सदस्य गुलाबी के नेतृत्व में सौंपे गए इस मांग-पत्र के दौरान प्रतिनिधिमंडल में माया, रजनी, रेशम कौर, शकुंतला, पूनम, मंजू, नीरू, रमा, पूनम सहित लगभग दो दर्जन कार्यकर्ता शामिल रहीं।
इंदु तोमर और देव कुमारी ने कहा कि सरकार का मातृत्व अवकाश को एक वर्ष की सेवा शर्त से जोड़ना असंवैधानिक है, क्योंकि यह मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 व संशोधन 2017 और संविधान के अनुच्छेद 42 का सीधा उल्लंघन है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मातृत्व अवकाश पहले दिन से एक अधिकार है और महिलाओं पर इस तरह की शर्तें थोपना महिला-विरोधी नीति है, जिसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।
वहीं, गुलाबी ने स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई और बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आयुष्मान कार्ड बनने के बाद उनके पुराने हिम-केयर कार्ड निष्क्रिय हो गए हैं और नए कार्ड नहीं बन रहे हैं, जिससे कई परिवार स्वास्थ्य सुरक्षा से पूरी तरह बाहर हो गए हैं।
यूनियन ने इस स्थिति को ‘अमानवीय व अस्वीकार्य’ बताते हुए कहा कि न्यूनतम मानदेय पर काम करने वाली आंगनबाड़ी बहनों को दोनों महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजनाओं से बाहर नहीं किया जाना चाहिए।
यूनियन की मुख्य मांगों में तीन माह से लंबित केंद्र सरकार के मानदेय को तत्काल जारी करना शामिल है। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ता लागू करने की मांग की।
यूनियन ने FRS ऐप की अनिवार्यता को भी तत्काल समाप्त करने की मांग की, उनका कहना है कि इस ऐप के कारण लाखों बच्चे और गर्भवती महिलाएं योजनाओं से वंचित हो रही हैं।
इसके अलावा यूनियन ने मांग की कि मातृत्व अवकाश पहले दिन से लागू किया जाए और एक वर्ष की सेवा शर्त हटाई जाए, साथ ही आयुष्मान कार्ड बनने के बावजूद परिवार वालों के हिम-केयर लाभ बंद न किए जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि हिम-केयर कार्ड की तकनीकी समस्याओं को तुरंत दूर किया जाए, ताकि सभी प्रभावित परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इन सुधारों पर तुरंत ध्यान नहीं दिया, तो उनका संघर्ष पूरे प्रदेश में और अधिक तीव्र किया जाएगा।






