नाहन में हरतालिका तीज की धूम, महिलाओं ने दी शानदार प्रस्तुतियां, जानिए पर्व का महत्व

यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के अटूट प्रेम और त्याग का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

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नाहन : सिरमौर गोरखा एसोसिएशन के सौजन्य से लोअर छावनी में हरतालिका तीज पर्व बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम शहर का मुख्य आकर्षण केंद्र रहा, जिसमें गोरखा समाज की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

गोरखा एसोसिएशन की परंपरा के अनुसार पर्व का शुभारंभ समाज की सबसे वरिष्ठ 80 वर्षीय महिला विजयलक्ष्मी गुरुंग के हाथों से हुआ। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की, जहां मौजूद सभी महिलाओं और बच्चियों ने उनके चरण छूकर आशीर्वाद लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत किरण थापा ग्रुप की सरस्वती वंदना के साथ हुई। इसके बाद सोनिया थापा और काजल राणा के ग्रुप ने नेपाली परंपरागत गीतों पर मनमोहक गोरखाली नृत्य पेश किए, जो दर्शकों ने काफी सराहे। इन ग्रुप्स ने भारतीय सेना के पराक्रम को दर्शाती हुई वीर कथाएं भी प्रस्तुत कीं।

इस अवसर पर आयोजित मेहंदी प्रतियोगिता में शिवानी गुरुंग ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि वर्षा थापा दूसरे और तापूर राणा तीसरे स्थान पर रहीं। म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में गमन गुरुंग ने बाजी मारी।

इस दौरान जिला सिरमौर गोरखा एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत सिंह राणा, महासचिव कविंद्र राणा, सतपाल गुरुंग, गोविंद सिंह और मनीष राणा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

अध्यक्ष रणजीत सिंह राणा ने अपने संबोधन में कहा कि गोरखा एसोसिएशन का उद्देश्य भारतीय और गोरखा संस्कृति का समन्वय बनाए रखना है। उन्होंने घर-परिवार में महिला की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और कहा कि यदि लड़कियां अपनी परंपराओं का निर्वहन करेंगी तो उनका और उनके परिवार का जीवन निश्चित ही खुशहाल बनेगा।

इस अवसर पर विजयलक्ष्मी गुरुंग ने कहा कि यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के अटूट प्रेम और त्याग का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है।

उन्होंने गोरखा समाज के लिए एसोसिएशन के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सिरमौर गोरखा एसोसिएशन केवल तीज जैसे त्योहारों का आयोजन ही नहीं करता, बल्कि यह हमारी युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़े रखने का भी महत्वपूर्ण कार्य करता है। यह संगठन हमारी संस्कृति और परंपराओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहा है।