शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में आपदा प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इस पैकेज के अंतर्गत पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए दी जाने वाली 1.30 लाख रुपये की सहायता राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है।
आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए 12,500 रुपये की राशि को बढ़ाकर एक लाख रुपये और क्षतिग्रस्त दुकान अथवा ढाबे के लिए दी जा रही 10,000 रुपये की राशि को भी बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया। गौशाला के क्षतिग्रस्त होने पर अब 10,000 रुपये के स्थान पर 50,000 रुपये और किरायेदारों को सामान की हानि पर 50,000 रुपये और मकान मालिक को 70,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
बड़े दुधारू पशुओं की हानि पर अब 37,500 रुपये के बजाय 55,000 रुपये प्रति पशु की दर से मुआवजा दिया जाएगा, जबकि बकरी, सूअर, भेड़ व मेमने के नुकसान पर दी जाने वाली राशि 4,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये प्रति पशु कर दी गई है। पूरी तरह क्षतिग्रस्त पॉलीहाउस के लिए 25,000 रुपये और मकान से गाद हटाने के लिए 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।
कृषि व बागवानी भूमि के नुकसान पर मुआवजा 3,900 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया गया है। गाद हटाने के लिए सहायता 1,500 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 6,000 रुपये प्रति बीघा की गई है। फसल नुकसान पर मुआवजा 500 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया गया है।
मंत्रिमंडल ने मंडी जिले के सराज क्षेत्र में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा राजस्व मंत्री के साथ अभद्रता और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अनादर की घटना की कड़ी निंदा की। मंत्रिमंडल ने आमजन से आपदा राहत कोष में उदारतापूर्वक योगदान देने की अपील की, ताकि प्रभावित परिवारों की सहायता की जा सके।
बैठक में ‘राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना’ को स्वीकृति दी, जिसका उद्देश्य समुदाय आधारित दृष्टिकोण से वनों के संरक्षण और विकास को सुदृढ़ करना है। यह योजना राज्य में पांच वर्षों में 100 करोड़ रुपये की लागत से लागू की जाएगी। इसमें महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य पंजीकृत सामुदायिक समूहों को वनीकरण गतिविधियों में शामिल किया जाएगा।
प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण पर प्रत्येक समूह को 1.20 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। यदि भूमि एक हेक्टेयर से कम है, तो सहायता आनुपातिक रूप से दी जाएगी। पौधों के जीवित रहने की दर के आधार पर अतिरिक्त 1.20 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
बैठक में हिमाचल प्रदेश नगरपालिका चुनाव नियम, 2015 में संशोधन को स्वीकृति दी गई, ताकि चुनावों के दौरान आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर किया जा सके। नियम-9 में वार्डों के अंतिम प्रकाशन के लिए एक मानक प्रारूप लागू किया गया है। नियम-27 और 28 में संशोधन कर प्रावधान जोड़ा गया है कि नियम-35 के तहत चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित होने के बाद मतदाता सूची में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त नियम-35(3) में संशोधन कर चुनाव कार्यक्रम अधिसूचित करने का अधिकार अब डीसी के बजाय राज्य चुनाव आयोग को दिया गया है। आयोग द्वारा नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि से कम से कम सात दिन पूर्व अधिसूचना जारी की जाएगी। नियम-88 में संशोधन कर नामित सदस्यों को निर्वाचित सदस्यों के साथ संविधान की शपथ लेने की अनुमति दी गई है।
मंत्रिमंडल ने बीएससी लेबोरेटरी टैक्निक, बीएससी रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग और बीएससी एनेस्थीसिया एंड ऑपरेशन थियेटर कोर्स में सीटें बढ़ाने को कार्याेत्तर स्वीकृति प्रदान की। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला मेें सीटों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में 18 से बढ़ाकर 50 करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में जिला शिमला के रोहडू़ तहसील के मेंहदली में दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के लिए हिमाचल प्रदेश मिल्कफैड के पक्ष में भूमि आवंटन करने को स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक मेें हमीरपुर जिले के धनेटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया। साथ ही इसके प्रभावी संचालन के लिए आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। शिमला जिले में पुलिस स्टेशन सुन्नी के अन्तर्गत खैरा में नई पुलिस चौकी खोलने और इसके सुचारू संचालन के लिए आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का भी निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने प्रशासनिक दक्षता और पुलिस व्यवस्था को बेहतर बनाने के दृष्टिगत जिला चंबा के तहत पुलिस चौकी हतली का कार्य क्षेत्र पुलिस स्टेशन चुवाड़ी से हटाकर पुलिस स्टेशन सिहुंता करने का निर्णय लिया। जिला मंडी में रत्ती-नागचला विशेष क्षेत्र और नेरचौक योजना क्षेत्र के पुनर्गठन को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने जिला कांगड़ा में नगर पंचायत जवाली को नगर परिषद में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया।
बैठक में जिला शिमला में नगर परिषद सुन्नी को नगर पंचायत के रूप में पुनवर्गीकृत करने का निर्णय लिया गया और इसके अधिकार क्षेत्र से कुछ क्षेत्रों को बाहर करने को भी स्वीकृति दी गई। मंत्रिमंडल ने स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए जिला सोलन में नई खोली गई उप-तहसील लौहारघाट का कार्यक्षेत्र उप-मंडल अर्की से हटाकर उप-मंडल नालागढ़ स्थानातंरित करने का निर्णय लिया।
बैठक में राज्य सजा समीक्षा बोर्ड की सिफारिश के अनुसार 15 कैदियों की समय से पूर्व रिहाई को भी मंजूरी दी गई। बशर्ते, उनकी रिहाई के बाद आचरण संतोषजनक रहे। ऐसा निर्णय प्रदेश में पहली बार लिया गया है।