
शिमला : राज्य में डिजिटल गवर्नेंस अभियान में रिकॉर्ड उपलब्धि हासिल की है। सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में लोग अब घर बैठे ही सरकारी सुविधाओं का सुगमता से उपयोग कर पा रहे हैं। ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से वर्ष 2024 में लोगों को रिकॉर्ड 22.78 लाख सेवाएं प्रदान की गई हैं।
राज्य के विभिन्न विभाग सक्रिय रूप से ऑनलाइन सेवा वितरण प्रणाली को अपना रहे हैं। वर्ष 2023 में पोर्टल के माध्यम से लगभग 14.97 लाख सेवाएं प्रदान की गई। वर्ष 2025 में यह संख्या बढ़कर 15 लाख तक पहुंच गई है और इस वर्ष के आगामी महीनों में वृद्धि का अनुमान है।
मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन सेवाओं को बढ़ाया गया है। वर्ष 2022 में 113 सेवाएं प्रदान की जा रही थी और वर्ष 2025 में ऑनलाइन सेवाओं की संख्या बढ़कर 436 हो गई है। इन सेवाओं में चार गुणा की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023 में यह संख्या 217 और वर्ष 2024 में 251 दर्ज की गई।
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (आईटी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल ने कहा कि डिजिटल सेवाओं से नागरिकों की सरकारी सुविधाओं तक पहुंच में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इन सेवाओं के माध्यम से नागरिक किसी भी स्थान से कभी भी आवेदन कर सकता है। इससे समय और धन दोनों की बचत हो रही है।
ये सेवाएं प्रदेशभर में लोकमित्र केंद्रों के माध्यम से आसानी से उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप प्रदेश सरकार हर नागरिक को सुलभ, पारदर्शी और कुशल डिजिटल सेवाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित कर रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी विभागों को कागज, उपस्थिति और नकदी रहित व्यवस्था अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। राजस्व विभाग द्वारा कुछ तहसीलों में शुरू की गई एक पायलट परियोजना के तहत अब बिना सरकारी कार्यालय जाकर संपत्ति का पंजीकरण करवाना संभव हो गया है।
सरकार की इस पहल को लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए अन्य विभागों को भी इसी तरह की डिजिटल नवाचारों का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।





