छात्राओं से छेड़छाड़ के बढ़ते मामलों को लेकर शिक्षा विभाग ने जारी की एडवायजरी, प्रशासन ने लिया संज्ञान

इसमें कोई दोराय नहीं है कि इस तरह के मामलों को स्थानीय स्तर पर दबाने का भी प्रयास किया जाता है और यही सबसे बड़ी चिंता का विषय बना है। हाल ही में जिला में 2-3 मामलों में ऐसा सामने भी आया है।

0

नाहन : जिला सिरमौर में एक के बाद एक सरकारी स्कूलों में छात्राओं से सामने आ रहे यौन उत्पीड़न के मामले अभिभावकों के लिए चिंताजनक बन गए हैं। हैरानी इस बात की है कि एक माह के भीतर जिले में ऐसे 4 मामले सामने आ चुके हैं।

सिरमौर जिला प्रशासन ने अब इन मामलों को लेकर कड़ा संज्ञान लिया है। डीसी सिरमौर प्रियंका वर्मा ने जहां स्कूलों में गठित सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटियों को एक्टिव तरीके से काम करने के लिए कहा है।

वहीं, शिक्षा विभाग, सीडीपीओ और चाइल्ड लाइन को भी इस संबंध में जागरूक करने और ऐसी घटनाओं की रोकथाम को लेकर उचित दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ-साथ ऐसे मामलों की रिपोर्टस भी मांगी गई हैं।

उधर, जिला सिरमौर में शिक्षा विभाग ने भी ऐसे मामलों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। जिला के दोनों शिक्षा उपनिदेशकों की तरफ से स्कूल प्रबंधनों को इस संबंध में सख्त लहजे में एडवाइजरी जारी की जा रही है।

ऐसे मामलों को दबाना सबसे बड़ी चिंता
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति और बुद्धिजीवी वर्ग के मुताबिक इसमें कोई दोराय नहीं है कि इस तरह के मामलों को स्थानीय स्तर पर दबाने का भी प्रयास किया जाता है और यही सबसे बड़ी चिंता का विषय बना है। हाल ही में जिला में 2-3 मामलों में ऐसा सामने भी आया है।

मामलों को दबाने में पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रियता से भी इंकार नहीं किया जा सकता। दूसरा स्कूलों में सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटियां तो गठित हैं, लेकिन काफी हद तक वह भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं हैं या फिर एक्टिव तरीके से काम ही नहीं कर रही हैं। कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर अब अभिभावक भी चिंतित दिखाई दे रहे हैं।

शिक्षा विभाग में हड़कंप
जिला में एक ही माह के भीतर छात्राओं से यौन उत्पीड़न के 4 मामले सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सबसे पहले जून माह में राजगढ़ उपमंडल के एक सरकारी स्कूल में 24 छात्राओं ने एक शिक्षक पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। अभिभावकों ने स्कूल में प्रदर्शन किया तो मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। शिक्षा विभाग ने आरोपी शिक्षक को सस्पेंड कर दिया।

पच्छाद उपमंडल के मामले में समझौता
राजगढ़ मामले के चंद दिनों के भीतर पच्छाद उपमंडल में भी एक सरकारी स्कूल की कुछ छात्राओं ने शिक्षक पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। आरोपी शिक्षक पर केस दर्ज किया गया। इससे पहले पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करती, उसने हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली। शिक्षा उपनिदेशक उच्च हिमेंद्र बाली ने बताया कि इस मामले में स्थानीय स्तर पर समझौता हो गया और स्कूल प्रबंधन की तरफ से शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेजी गई कि छात्राओं का यौन उत्पीड़न नहीं, बल्कि उन्हें केवल पनिशमेंट दी गई थी।

तीसरे मामले में जेल भेजा शिक्षक
तीसरा मामला नाहन तहसील में सामने आया। हालांकि, 21 जून को यह मामला सामने आया था, लेकिन इसका खुलासा गत बुधवार यानी 9 जुलाई को तब हुआ, जब पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार किया। इतने दिनों तक इस मामले को भी स्थानीय स्तर पर ही दबाने का भरपूर प्रयास किया गया, लेकिन आखिर में पीड़िता की मां ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। इस शिक्षक को 22 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

अश्लील एसएमएस के मामले में भी केस
ये मामले यही नहीं थमे। गत बुधवार को ही चौथा मामला राजगढ़ उपमंडल में सामने आया, जहां एक शिक्षक पर छात्रा को अश्लील एसएमएस भेजने के आरोप लगे हैं। हालांकि, ये मामला भी पुराना बताया जा रहा है। यहां तक कि शिक्षक का तबादला भी यहां से सोलन हो चुका है।

सोलन में ही शिकायत दर्ज करवाई गई और मामला राजगढ़ पुलिस थाना को ट्रांसफर किया गया। लिहाजा, अब आरोपी शिक्षक के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। डीएसपी राजगढ़ वीसी नेगी ने बताया कि इस मामले में आरोपी शिक्षक ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।

क्या कहती हैं डीसी सिरमौर
डीसी सिरमौर प्रियंका वर्मा ने बताया कि जिला के सरकारी स्कूलों में छात्राओं से सेक्सुअल हैरासमेंट के सामने आ रहे मामलों पर उन्होंने संज्ञान लिया है। जहां पर सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी नहीं बनी है, वहां तुरंत इसका गठन किया जाए और जहां बनी हैं, उन्हें पूरी तरह से एक्टिव बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस तरह के मामलों की रिपोर्टस देने के लिए भी कहा गया है। शिक्षा विभाग, सीडीपीओ और चाइल्ड लाइन को भी छात्राओं को जागरूक करने और समय-समय पर उनकी काउंसलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, संबंधित विभाग इसका विशेष ध्यान रखें।

दोषी शिक्षकों की बर्खास्त की जाएं सेवाएं
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की पूर्व राज्य अध्यक्ष संतोष कपूर ने कहा कि समिति सरकार और प्रशासन से लगातार मांग कर रही है कि स्कूलों में सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटियों को पूरी तरह से एक्टिव किया जाए। स्कूलों में छात्राओं के साथ बढ़ती यौन उत्पीड़न की घटनाएं बेहद चिंताजनक है।

ऐसे मामलों को स्थानीय स्तर पर भी दबाने का प्रयास किया जाता है। समय-समय पर स्कूलों में छात्राओं की काउंसलिंग की जानी चाहिए। साथ ही ऐसी घटनाओं की पीड़ित छात्राओं की भी विशेष तौर पर काउंसलिंग की जाए, ताकि वह मानसिक तनाव में न आए। निलंबन से कुछ नहीं बनेगा, ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने की सूरत में संबंधित शिक्षक को सीधे बर्खास्त किया जाए।

निष्पक्षता के साथ ऐसी घटनाओं पर लें संज्ञान
जिला के शिक्षा उपनिदेशक (उच्च) सिरमौर डा. हिमेंद्र बाली ने कहा कि स्कूलों में ऐसी घटनाएं दुखद और चिंताजनक हैं। विभाग की तरफ से सख्त लहजे में स्कूल प्रबंधनों को एडवाइजरी जारी की जा रही है कि स्कूल में प्रत्येक माह होने वाली सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी की बैठक की पूरी प्रोसिडिंग रजिस्टर में लिखी जाए। साथ ही स्कूल मुखिया भी इसका विशेष ध्यान रखें.

इस तरह का यदि कोई भी मामला संज्ञान में आता है, तो बिना किसी समझौते के तुरंत पुलिस और शिक्षा विभाग को सूचित करें। स्कूल प्रबंधन और संबंधित कमेटी पूरी निष्पक्षता के साथ इस तरह के मामलों का संज्ञान लें और किसी भी बाहरी दबाव से बचें। बावजूद इसके किसी भी स्तर पर लापरवाही बरती गई, तो विभाग सख्त कार्रवाई अमल में लाएगा।

नहीं बख्शे जाएंगे ऐसे शिक्षक
वहीं, शिक्षा उपनिदेशक (प्रारंभिक) सिरमौर राजीव ठाकुर ने कहा कि जिला के सभी बी.ई.ई.ओ. को निर्देश दिए गए है कि न केवल सेक्सुअल हैरासमेंट कमेटी, बल्कि स्कूलों में गठित सभी कमेटियों को सक्रिय किया जाए। छात्राओं के साथ इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, स्कूल प्रबंधन इसका विशेष रूप से ध्यान रखें।

बार-बार ऐसी घटनाएं सामने आना चिंता का विषय है और ऐसी घटनाओं में संलिप्त किसी भी शिक्षक को बख्शा नहीं जाएगा। स्कूल के मुखिया भी सैक्सुअल हैरासमेंट कमेटी की प्रत्येक माह होने वाली बैठकों पर नजर रखें। ऐसे मामलों में किसी भी स्तर पर दबाव में आकर काम न करें।