नाहन : पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाईवे-707 एक बार फिर उत्तरी गांव के समीप अवरूद्ध हुआ है, जिसे बहाल करना बड़ी चुनौती बना है। यहां पहाड़ी से चट्टानें और पत्थर गिरने का सिलसिला जारी है। लिहाजा, हाईवे निर्माण में जुटी कंपनी के कर्मचारियों को भी बहाली के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आज सुबह 5ः00 बजे के आसपास उत्तरी में भूस्खलन का सिलसिला शुरू हुआ था। इस दौरान पहाड़ी से भारी भरकम चट्टानें सड़क पर गिरने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया। ये नेशनल हाईवे 10 दिन के भीतर उत्तरी के समीप बंद हुआ है।
पहले भी इसे बहाल करने में कई घंटों का वक्त लग गया था, लेकिन इस बार पहाड़ी से इतना अधिक मात्रा में चट्टानें और पत्थर हाईवे पर गिरे हैं जो पिछले भूस्खलन के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं।

ऐसे में सोमवार रात तक भी इसे बहाल किया जाना संभव प्रतीत नहीं हो रहा है। फिलहाल, कंपनी की मशीनरी और कर्मचारी जान जोखिम में डाल मौके पर मलबा हटाने में जुटे हैं।
हाईवे के बंद होने से शिलाई इलाके की दर्जनों पंचायतों का संपर्क पांवटा साहिब के साथ साथ जिला मुख्यालय नाहन से कट गया है। हाईवे बंद होने की सूचना मिलते ही सुबह एसडीएम शिलाई मौके पर पहुंचे। वहीं, शाम भी एसडीएम ने स्थिति का जायजा लिया और संबंधित कंपनी के अधिकारियों और कर्मियों को आवश्यक दिशानिर्देश भी दिए।
बता दें कि इस नेशनल हाईवे पर हो रहे भूस्खलन के चलते सफर भी बेहद जोखिम भरा हो गया है। हाईवे पर गुजरते वक्त वाहन चालकों समेत यात्रियों को भी इस बात की चिंता ज्यादा सता रही है कि कहीं वह भूस्खलन की चपेट में न आ जाएं। जिस तरह से बड़ी-बड़ी चट्टानें हाईवे पर गिर रही हैं, उसे देख लोगों को मन में भी खौफ पैदा हो गया है।

उधर, एसडीएम शिलाई जसपाल ने बताया कि उत्तरी में सोमवार सुबह फिर भूस्खलन हुआ है। उन्होंने बताया कि इस बार पहले की अपेक्षा भारी मात्रा में चट्टानें और पत्थर हाईवे पर गिरे हैं। हाईवे को बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन बारिश और बार-बार भूस्खलन होने से हाईवे को बहाल करना जोखिमपूर्ण बना हुआ है। फिर भी बहाली के प्रयास जारी हैं।