सिरमौर में नशीली दवाओं के तस्कर को 15 साल का कठोर कारावास, डेढ़ लाख रुपये जुर्माना

गत सोमवार को भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नशीली दवाओं की तस्करी के दो अलग-अलग मामलों में भी एक दोषी को 10 साल और दूसरे दोषी को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।

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नाहन : जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर योगेश जसवाल की अदालत ने मंगलवार को वर्ष 2022 के एक मामले में प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी के आरोपी को दोषी करार दिया है।

अदालत ने दोषी अनिल कुमार पुत्र कली राम निवासी गांव चढे़ऊ, डाकघर टिम्बी, तहसील कमरऊ, जिला सिरमौर को एनडीपीएस एक्ट के तहत 15 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही डेढ़ लाख रुपये का जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए हैं।

जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 2 साल का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। अदालत में इस मामले की पैरवी जिला न्यायवादी चंपा सुरील ने की।

जिला न्यायवादी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला 6 जुलाई 2022 का है। पुलिस थाना टीम पांवटा साहिब, शिलाई आदि स्थानों पर गश्त पर तैनात थी।

इसी बीच पुलिस टीम जब रात करीब सवा 2 बजे सतौन पहुंची, तो हेड कांस्टेबल राकेश को गुप्त सूचना मिली कि अनिल कुमार नाम का व्यक्ति नशीली दवाओं की बिक्री और खरीद में संलिप्त है। इस पर पुलिस टीम ने अनिल के घर पर दबिश दी, तो आरोपी घर पर ही मौजूद था।

इस दौरान पुलिस टीम को घर की तलाशी के दौरान आरोपी के बैडरूम में बिस्तर के किनारे एक पिट्ठू बैग मिला। इस बैग को खोलने पर बैग के अंदर से प्रतिबंधित कोडीन फॉस्फेट और क्लोरफ्रूइरामाइन मैलेट कफ सिरप की 91 शीशियां बरामद हुई।

इस पर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच पूरी होने के बाद इस मामले में अदालत में चालान पेश किया।

जिला न्यायवादी ने बताया कि अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से 20 गवाह पेश हुए। अदालत ने इस मामले में तमाम दलीलें सुनने और अभियोजन पक्ष की तरफ से रिकार्ड पर लाए गए साक्ष्य के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा सुनाई।

बता दें कि इससे पहले गत सोमवार को भी जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नशीली दवाओं की तस्करी के दो अलग-अलग मामलों में भी एक दोषी को 10 साल और दूसरे दोषी को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।