HPNLU शिमला का दीक्षांत समारोह : पीएचडी सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों के 451 छात्रों को उपाधियां

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शिमला : हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (HPNLU) शिमला ने रविवार को हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी शिमला में अपना दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया.

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने जीवन से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की, लेकिन कभी वकालत नहीं की. उन्होंने कहा कि राजनीति और समाज सेवा में उनकी विशेष रुचि थी और राज्य के लोगों के सहयोग और आशीर्वाद से उन्हें प्रदेश की सेवा करने का अवसर मिला है.

उन्होंने कहा कि जीवन की चुनौतियां डिग्री प्राप्त करने के बाद शुरू होती हैं और अनुभव से ज्ञान प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि कानून की पढ़ाई से लोगों में आत्मविश्वास की भावना पैदा होती है, चाहे वह व्यवसाय के लिए किसी भी क्षेत्र का चुनाव करें. सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षों से व्यवस्थागत विषयों के समाधान के साथ-साथ वित्तीय स्थिति में आशातीत सुधार लाकर व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय से महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं.

इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने छात्रों को अपने ध्येय को प्राप्त करने के दृष्टिगत दृढ़ता से आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और बुद्धिमत्ता अति आवश्यक होती है.

उन्होंने कानून के छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि उनमें आत्म-संदेह, सत्यनिष्ठा और निरंतर विकास जैसे गुणों का होना आवश्यक है. छात्रों को हर चुनौती का सामना धैर्य और संयम से करना चाहिए. उन्होंने कहा कानून केवल उन लोगों के लिए नहीं है जो इसे वहन कर सकते हैं, बल्कि उन लोगों के लिए है जिन्हें इसकी नितांत आवश्यकता होती है.

समारोह के दौरान, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शकधर को कानून के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें डॉक्टर ऑफ लॉज की मानद उपाधि प्रदान की गई.

इस अवसर पर 451 छात्रों को उपाधियां प्रदान की गई, जिनमें बीए, एलएलबी पाठ्यक्रम के 114, बीबीए एलएलबी पाठ्यक्रम के 111 और एलएलएम के 211 छात्र शामिल रहे. इसके अतिरिक्त 15 छात्रों को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई. इस अवसर पर उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए छात्रों को सम्मानित भी किया गया.

स्नातकोत्तर उपाधि के 2021 के ओवरऑल टॉपर सूर्य देव सिंह भंडारी, 2022 के लिए टिसी एनी थॉमस और 2023 के लिए निवेदिता शर्मा को संस्थापक कुलपति स्वर्ण पदक से नवाजा गया. 2018 बैच की शीनम ठाकुर को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले, जिनमें के.के. लूथरा मेमोरियल गोल्ड मेडल (क्रिमिनल लॉ), तरसेम कुमार स्वर्ण पदक (सर्वश्रेष्ठ महिला टॉपर), श्याम सुंदर गोयल मेमोरियल गोल्ड मेडल (स्नातक टॉपर), संस्थापक कुलाधिपति स्वर्ण पदक (हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के रूप में), संस्थापक कुलपति स्वर्ण पदक (सर्वश्रेष्ठ ओवरऑल टॉपर) और संस्थापक कुलाधिपति फैलोशिप पुरस्कार (हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विधि छात्र के रूप में) जैसे पुरस्कार शामिल हैं.

इसके अलावा, अदिति शर्मा को 2018 के लिए न्यायमूर्ति धर्मपाल सूद स्वर्ण पदक (संवैधानिक कानून में उत्कृष्ट प्रदर्शन) प्रदान किया गया. लिपि आर्यन को 2019 के लिए के.के. लूथरा मेमोरियल गोल्ड मेडल (आपराधिक कानून) से सम्मानित किया गया.

अंकिता शर्मा को 2019 के लिए तरसेम कुमार स्वर्ण पदक, श्री श्याम सुंदर गोयल मेमोरियल स्वर्ण पदक और संस्थापक कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया. हिया शर्मा को 2019 के लिए संस्थापक कुलाधिपति स्वर्ण पदक और संस्थापक कुलाधिपति फैलोशिप पुरस्कार से नवाजा गया, जबकि संचित शर्मा को 2019 के लिए न्यायमूर्ति धर्मपाल सूद स्वर्ण पदक (संवैधानिक कानून में उत्कृष्ट प्रदर्शन) से सम्मानित किया गया.

समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति आर. महादेवन, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. प्रीति सक्सेना और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.