ट्राइबल एरिया किन्नौर में किया कमाल, अब सिरमौर का कायाकल्प करने को तैयार ये डॉक्टर बेटी  

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नाहन|
स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिला सिरमौर को एक ऐसी युवा अधिकारी मिली हैं, जिन्होंने आयुष के क्षेत्र में ट्राइबल एरिया किन्नौर में कमाल किया है और अब यह डॉक्टर बेटी इस क्षेत्र में अपने गृह जिला सिरमौर का कायाकल्प करने को तैयार है. सिरमौर की इस डॉक्टर बेटी के नाम जनजातीय क्षेत्र किन्नौर में आयुर्वेद के क्षेत्र में उपलब्धियां बेशुमार हैं, लेकिन इसके विपरीत जिला सिरमौर में उनके समक्ष चुनौतियों की भी भरमार है.
दरअसल, हाल ही में 3 जनवरी को डा. इंदु शर्मा ने नाहन में जिला आयुष अधिकारी की कमान संभाली है. अहम बात यह है कि डा. इंदु सिरमौर जिला से ही ताल्लुक रखती हैं और जिला किन्नौर में इसी पद पर पौने 3 वर्ष के कार्यकाल के बाद सरकार ने उन्हें जिला सिरमौर की जिम्मेदारी सौंपी है. यह सिरमौरी बेटी यहां बतौर जिला आयुष अधिकारी का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही एक्शन मोड़ में हैं और पिछले करीब 3 दिनों से जिला व उपमंडल स्तर के आयुष अधिकारियों व स्टाफ के साथ बैठक कर पूरा फीडबैक ले रही हैं, ताकि जिला में आयुष विभाग की सेवाओं को बेहतर से बेहतर बनाया जा सके. हालांकि अपने ही गृह जिला सिरमौर में डा. इंदु के लिए सबसे बड़ी चुनौती जिला आयुष अस्पताल रहेगा, जिसके पास न तो अपनी जमीन है और न ही अपनी बिल्डिंग.
बता दें कि वर्तमान में ये जिला अस्पताल दिल्ली गेट के समीप पुराने साईंस ब्लॉक में चल रहा है, जिसे मेडिकल कॉलेज नाहन के विस्तार और कोरोना काल के चलते यहां शिफ्ट किया गया था, फिलहाल इस बहुमंजिला इमारत को लेकर विवाद चल रहा है.  बता दें कि इससे पहले डा. इंदु ने किन्नौर में बतौर जिला आयुष अधिकारी के पद पर रहते हुए बेहतर आयुष सेवाएं देने का प्रयास किया. किन्नौर में आईपीडी की सुविधा उपलब्ध करवाई, जो पहले वहां अस्पताल में मौजूद नहीं थी.
पंचकर्मा शुरू करने के साथ-साथ क्षार सूत्र विधि से ऑपरेशन की शुरुआत की. एक वर्ष में करीब 75 ऑपरेशन किए गए. इसके अलावा योग भी शुरू करवाया गया. चूंकि सुबह के समय किन्नौर का मौसम योग के लिए अनुकूल नहीं होता, लिहाजा ऑनलाइन योग की सुविधा भी लोगों को मुहैया करवाई गई. सरकारी कार्यालयों में भी योग के सेशन करवाए गए. इसके अलावा भी डा. इंदु के नेतृत्व में जिला किन्नौर में आयुष के क्षेत्र में बहुत से ऐसे कार्य किए गए, जिनका लोगों को भरपूर लाभ मिल रहा है. साथ ही बड़ी उपलब्धि ये भी है कि सरकार की आयुष विभाग से जुड़ी योजनाओं को भी लोगों तक पहुंचाने में उनका काफी सहयोग रहा.
शत प्रतिशत मरीजों को पाइल्स से दिलाई निजात
किन्नौर में अपने कार्यकाल के दौरान डा. इंदु ने क्षार सूत्र विधि से पाइल्स के मरीजों को बीमारी से राहत दिलाने की दिशा में बड़ा काम किया. वह बताती हैं कि पाइल्स के मरीजों के लिए भगंदर और फिष्चुला बेहद दुखदायी स्थिति होती है. इससे निजात पाने के लिए उन्होंने क्षार सूत्र विधि से मरीजों के ऑपरेशनों की शुरुआत करवाई. इस विधि से किए गए ऑपरेशन शत प्रतिशत सफल रहे, क्योंकि अन्य तकनीक से किए गए जाने वाले ऑपरेशनों में फिर से इस बीमारी के पनपने की संभावना रहती है, लेकिन इस विधि से किए गए ऑपरेशनों में किन्नौर जिला में अभी तक इस तरह की कोई भी शिकायत नहीं आई. उन्होंने बताया कि ऐसे ऑपरेशनों लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित डॉक्टर को जिला के अन्य स्थान से डेप्यूट किया गया था और परिणाम ये रहा कि ये विधि किन्नौर में पूरी तरह से सफल रही.
घर द्वार भी पहुंचाई पंचकर्मा की सुविधा
डा. इंदु की मानें तो किन्नौर जिला में एक-दो स्थान ऐसे दुर्गम थे, जहां पर लगता था कि कुछ काम नहीं हो सकता, जैसे की चांगर, लेकिन वहां डॉक्टर और स्टाफ के सहयोग से घर द्वार पर भी पंचकर्मा की सुविधा मरीजों को उपलब्ध करवाई गई. चूंकि यहां सुविधाओं का अभाव था और छोटे से कमरे में डिस्पेंसरी चल रही थी. स्टाफ के सहयोग से पंचकर्मा के भी सफल परिणाम सामने आए. उदाहरण के तौर पर जिस मरीज को पीठ पर लेकर आते थे, वह चलकर घर गया. साथ ही ऐसे मरीज भी थे, जो लंबे समय से विभिन्न तकलीफों से गुजर रहे थे और आयुर्वेद पद्धति अपनाकर ठीक हुए.
सिरमौर में बहुत कुछ करना बाकी  
नवनियुक्त जिला आयुष अधिकारी डा. इंदु शर्मा ने कहा कि आयुष विभाग के स्टाफ के सहयोग से जिला किन्नौर में बेहतर आयुष सेवाएं देने का प्रयास किया. उन्होंने माना कि जिला सिरमौर में आयुष के क्षेत्र में बहुत कुछ करना बाकी है. सबसे बड़ी समस्या ये सामने आई है कि यहां जिला अस्पताल के नाम अपनी जमीन ही नहीं है. जब तक किसी अस्पताल के पास अपनी जमीन और अपनी बिल्डिंग नहीं होती, तब तक काम करने में कठिनाई आती है और नाहन और पांवटा साहिब में यहीं स्थिति है. प्रयास रहेगा कि सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से इस समस्या का समाधान किया जाए. इसके साथ-साथ जनहित में बेहतर से बेहतर आयुष विभाग से जुड़ी तमाम सुविधाएं उपलब्ध हो, इसके लिए भी वह पूरी तरह से प्रयासरत रहेंगी. उन्होंने जिला सिरमौर के लोगों से भी आह्वान किया कि आयुर्वेद पद्धति बहुत कारगर साबित होती है, जिसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं.
डॉ. इंदु शर्मा, जिला आयुष अधिकारी सिरमौर
पांवटा साहिब से रखती हैं ताल्लुक, 
बता दें कि डा. इंदु शर्मा जिला सिरमौर के पांवटा साहिब से ताल्लुक रखती है. यहां उनका मायका है. कन्या स्कूल नाहन से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की. करीब 40 वर्षों के बाद वह जिला सिरमौर लौटी है और अब ये सिरमौरी बेटी यहां बतौर जिला आयुष अधिकारी अपनी सेवाएं देंगी. बता दें कि किन्नौर से पहले वह बतौर एसडीएमओ ज्वाली में अपनी सेवाएं दे चुकी है. ज्वाली से पहले कुल्लू में भी काम करने का मौका मिला. अहम बात ये भी है कि डा. इंदु ने बतौर एएमओ किन्नौर जिला से ही आयुष विभाग में अपने करियर की शुरूआत की थी और उस समय वह अकेली महिला अधिकारी रही, जिन्होंने जनजातीय क्षेत्र में अढ़ाई वर्ष का अपना कार्यकाल पूरा किया था.
क्या फिर मिलेगी बेहतर सुविधाएं?
बता दें कि पूर्व में डीसी रहे डा. आरके परूथी के नेतृत्व में कोरोनाकाल में जिला सिरमौर में आयुष विभाग में बहुत से सराहनीय कार्य किए गए, लेकिन जिला अस्पताल की बिल्डिंग को लेकर चल रहे विवाद के कारण यहां आयुष विभाग की बहुत सी सेवाएं लड़खड़ा चुकी हैं. कई योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पा रही है. डाक्टरों सहित स्टाफ की कमी भी किसी से छिपी नहीं है. जिला के अन्य क्षेत्रों में भी आयुष विभाग में मरीजों की सुविधाओं के लिए बहुत कुछ किया जाना शेष है. ऐसे में उम्मीद है कि नवनियुक्त जिला आयुष अधिकारी इन तमाम चुनौतियों को पार कर यहां लड़खड़ा चुकी आयुष विभाग की सेवाओं को दुरूस्त करने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगी.