शिमला : सरकार को भेजे जाएंगे 100 करोड़ रुपये के ये प्रस्ताव, पोर्टल पर अपलोड

डीसी ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जाते हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि का इस्तेमाल उन स्थानों पर होता है, जहां पर आपदा का अधिक प्रभाव पड़ता है। अब इन्हें सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। इसके बाद ही आगामी प्रक्रिया आरंभ हो पाएगी।

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शिमला : डीसी अनुपम कश्यप ने सोमवार को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि के तहत प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए लगभग 100 करोड़ रुपये के तीन प्रस्ताव राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि के माध्यम से पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए।

डीसी ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जाते हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि का इस्तेमाल उन स्थानों पर होता है, जहां पर आपदा का अधिक प्रभाव पड़ता है। अब इन्हें सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। इसके बाद ही आगामी प्रक्रिया आरंभ हो पाएगी।

पहले प्रस्ताव के अंतर्गत शहर के भीतर नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नालों के चैनेलाइजेशन के लिए 85 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। शिमला शहर में बरसात के दिनों में नालों में पानी के तेज बहाव के कारण लोगों के लिए कई चुनौतियां पैदा करता है। ऐसे में इन नालों की चैनेलाइजेशन बेहद आवश्यक है। इन उपायों से आपदा की घटनाओं में काफी हद तक कमी आएगी। नालों के चैनेलाइजेशन का कार्य नगर निगम शिमला द्वारा किया जाएगा।

दूसरा प्रस्ताव 9 करोड़ 83 लाख रुपये की लागत से लक्कड़ बाजार और रिज मैदान के बीच में सिंकिंग जोन की मरम्मत का है। इस प्राजेक्ट के तहत रिज मैदान पर खड़े होने वाले घोड़ों के लिए भी अलग से व्यवस्था की जाएगी, जो रिज मैदान के साथ सटे स्थान पर होगी। वहीं एक रेन शैल्टर भी बनाया जाएगा। सभी घोड़े रिज पर खड़े नहीं दिखेंगे।

इनके लिए रिज से एक मंजिल नीचे व्यवस्था करने का प्रावधान है। उक्त क्षेत्र पिछले कई सालों से धंस रहा है। ऐसे में अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से मरम्मत कार्य किया जाएगा और दुकानें भी यहां पर बनाई जाएगी, जिससे पर्यटकों के लिए भी बेहतर सुविधाएं मुहैया हो पाएंगी। ये कार्य लोक निर्माण विभाग की द्वारा किया जाएगा।

इसके साथ ही राज्य के 32 शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 12 करोड़ रुपये की विशेष योजना के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं, जिसमें शिमला के रामपुर, नेरवा, कुफरी और चिड़गांव क्षेत्र शामिल है। इस योजना के तहत मौजूदा भूमि व भवनों की स्थिति का अध्ययन और भविष्य में विकासात्मक कार्यों की योजना पर रिपोर्ट बनाई जाएगी। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ज्योति राणा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।