केंद्र सरकार जल्द वापस करें NSDL में फंसी हिमाचल के कर्मचारियों की पूंजी

संघ के नेताओं ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के बाद NSDL को कर्मचारियों की जमा निधि को जारी रखने का अधिकार नहीं हैं...

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नाहन : हिमाचल प्रदेश नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ जिला सिरमौर की बैठक DIET नाहन में आयोजित हुई, जिसमें केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के हजारों करोड़ रुपये वापस करने का आग्रह किया गया।

जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, जिला उपाध्यक्ष जगदीश परमार, उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह, खंड अध्यक्ष नाहन संदीप कश्यप और खंड अध्यक्ष पांवटा साहिब साहिब बीआर सिंगटा आदि ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के बाद NSDL को कर्मचारियों की जमा निधि को जारी रखने का अधिकार नहीं हैं, यदि कर्मचारी उस धन को वापिस लेना चाहते हैं।

लगभग 10 हजार करोड़ की इस राशि में 10 प्रतिशत कर्मचारियों का और 14% हिमाचल सरकार की भागीदारी है। बैठक में चर्चा की गई कि हिमाचल प्रदेश सरकार पर ओपीएस के स्थान पर यूपीएस के दबाव के बावजूद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और मंत्रिमंडल ने जिस प्रकार अपनी गारंटी के अनुरूप पुरानी पेंशन को जारी रखने का निर्णय लिया है, संघ उसके लिए सरकार के आभारी हैं।

संघ के जिला अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालयों में भी पुरानी पेंशन को सरकार का उत्तरदायित्व माना गया है। अध्यक्ष ने पुरानी पेंशन के नाम पर भ्रमित करने वाली सभी अफवाहों का पुरजोर खंडन करते हुए कहा कि किसी भी विभाग में किसी भी पद के सृजन से पूर्व इस पद पर नियुक्ति से सेवानिवृत्ति तक के संपूर्ण खर्च के अनुमान के बाद ही पद को सृजित किया जाता है।

इसलिए अचानक से सेवानिवृत्ति के उपरांत के लाभ को आर्थिक बोझ और अन्य विकासात्मक कार्यों में बाधा बताना गैर तार्किक है। यदि सरकार के कोषागार विभाग से कर्मचारियों से संबंधित आंकड़ों को एकत्र किया जाए तो वर्तमान और आगामी कई वर्षों तक भी यूपीएस से बेहतर विकल्प है।

जहां यूपीएस में प्रति माह कर्मचारियों के वेतन पर सरकार को 18% अधिक राशि नियोक्ता के रूप में जमा करवानी होगी। वहीं, कर्मचारियों के वेतन का 10% हिस्सा भी NSDL में जमा होगा। यह संपूर्ण राशि शेयर मार्किट में निवेश होगी, जो पूरी तरह से जोखिम से भरा है। साथ ही कर्मचारियों द्वारा जीपीएफ में जमा की जा रही 30 से 50% प्रतिशत वेतन का प्रावधान भी यूपीएस से बंद हो जाएगा।

संघ के नेताओं ने गुहार लगाई कि कर्मचारियों के मसलों पर सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों में कर्मचारियों के हितों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की भागीदारी भी अवश्य सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि वह किसी भी योजना को बेहतर समझ सकें और सरकार की नीतियां परस्पर सामंजस्य से व्यवहारिक रूप से लागू हो सकें।

इस मौके कर जिला महिला विंग सचिव संध्या चौहान, शिलाई के पूर्व खंड अध्यक्ष सुरेश सिंगटा, नौहरा खंड प्रतिनिधि शशिपाल चौहान, संगडाह से राजेंद्र झामटा, लाल सिंह ठाकुर, सुरेश चौहान, सी एंड वी शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष यशपाल ठाकुर, सराहां खंड से चेतन शर्मा, जिला कार्यकारिणी से अजय ठाकुर, जयपाल और सनूराम आदि सदस्य मौजूद रहे।